नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि, उच्च तापमान से गेहूं की फसलों को नुकसान होने की संभावना नहीं है।उन्होंने इस फसल वर्ष में 112 मिलियन टन का रिकॉर्ड उत्पादन हासिल करने का भरोसा जताया।चोपड़ा ने कहा कि, गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा, जिससे सरकारी खरीद के लिए अनाज की उपलब्धता बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि, सरकार 2023-24 विपणन वर्ष (अप्रैल-मार्च) में करीब 3.5 करोड़ टन गेहूं की खरीद करेगी।
चोपड़ा ने कहा कि, गेहूं की कीमतों में कमी आई है और नई फसल के आने के बाद कीमतों में और गिरावट आएगी।हमने राज्य के खाद्य सचिवों के साथ एक बैठक की, जिसके बाद राज्य के खाद्य मंत्रियों के साथ एक बैठक हुई।हमने बैठक में जो पाया है वह यह है कि देश में खाद्य परिदृश्य बहुत ही अच्छी है।आउन्होंने कहा कि, मौसम विभाग ने मौसम की स्थिति के संबंध में एक प्रस्तुति दी है, और अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई गर्मी की लहर की उम्मीद नहीं है।
चोपड़ा ने कहा, भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 109.59 मिलियन टन से घटकर 107.74 मिलियन टन हो गया है, जिसका कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गर्मी की लहर है।अभी मौसम की कोई प्रतिकूल स्थिति नहीं है। तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक है, लेकिन तथ्य यह है कि यह गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालने वाला है। सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 34.1 मिलियन टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार को लगभग 1.5 मिलियन टन प्रति माह की आवश्यकता होती है।