नई दिल्ली : चीनी मंडी
चीनी मिलों का कहना है की चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) तय करते समय कई तकनीकी मामलों पर ध्यान नही दिया गया था, जिसका चीनी उद्योग को खामियाजा उठाना पड़ रहा है। उत्पादन लागत से कम चीनी दर के कारण मिलें मुश्किल में है। खबरों के मुताबिक, चीनी उद्योग को आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में वृद्धि करने के बारे में सोचविचार कर रही है। मिलों का कहना है की वर्तमान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल ‘एमएसपी’ चीनी उत्पादन की लागत से कम है।
देश में आज भी गन्ना बकाया कई चीनी मिलों द्वारा नहीं चुकाया गया है क्यूंकि मिलें दावा करती है की उनकी आर्थिक परिस्तिथि ठीक नहीं है जिसके कारण वे बकाया चुकाने में विफल रहे है। MSP बढने के बाद चीनी उद्योग के साथ साथ किसानों को भी बड़ी राहत मिल सकती है। चीनी उद्योग से जुड़े कई संघठनों ने सरकार से MSP को बढ़ाकर 3,300 रुपये प्रति क्विंटल करने पर विचार करने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार ने चीनी न्यूनतम बिक्री मूल्य को 2900 रूपये से 3100 रुपये प्रति क्विंटल किया था। चीनी की तीन श्रेणियां (ग्रेड) है, जिसमें एस, एम और एल कि चीनी शामिल हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (NFCSF) ने, चीनी कि श्रेणियों के अनुसार, न्यूनतम बिक्री दर निर्धारित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक संयुक्त चर्चा की मांग की है।
चीनी MSP को लेकर NFCSF ने भी केंद्र सरकार का अनुसरण करना शुरू कर दिया है। न्यूनतम दरों को तय करने में कुछ त्रुटियां हुई हैं, जिन्हें केंद्र सरकार के ध्यान में लाया गया है। NFCSF के मुताबिक इस विषय पर सकारात्मक चर्चा शुरू है, जिससे उन्हें उम्मीद है की चीनी MSP में वृद्धि होने की संभावना है।
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