किसानों ने हरयाणा सरकार से गन्ने के भाव प्रति क्विंटल 50 रुपये बढ़ाने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की कि सरस्वती चीनी मिल और यमुनानगर सहित राज्य की सभी चीनी मिलों को नवंबर के दूसरे सप्ताह में पेराई कार्य शुरू करना चाहिए ताकि किसान अपनी गन्ने की फसल की कटाई के बाद गेहूं की फसल समय पर बो सकें।
पिछले साल हरियाणा में गन्ने के आरंभिक किस्म की कीमत 340 रुपये प्रति क्विंटल थी जबकि मध्य किस्म की दर 335 रुपये और अंतिम किस्म की दर 333 रुपये प्रति क्विंटल थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को 2 नवंबर को लिखे पत्र में, करतारपुर गाँव के एक गन्ना किसान सतपाल कौशिक ने कहा कि राज्य के किसानों को उनकी धान की फसल में भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम मूल्य पर कमीशन एजेंट खरीद रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। कौशिक ने कहा कि किसान को तभी मुनाफा होगा जब चीनी मिलों द्वारा उनके गन्ने की अच्छी कीमतों पर खरीदारी की जाए। इसलिए सरकार को इसकी दर में प्रति क्विंटल 50 रुपए इजाफा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि मंत्री की अध्यक्षता में गन्ना दरों का निर्णय हरियाणा गन्ना नियंत्रण बोर्ड द्वारा लिया गया था। इसलिए, गन्ने की दर पर निर्णय लेने के लिए बोर्ड की बैठक तुरंत तय की जानी चाहिए।
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