हिमाचल प्रदेश सरकार हैफेड से खरीद रही है गुणवत्तापूर्ण चीनी

शिमला, 30 जुलाई, हिमाचल प्रदेश सरकार सूबे के नागरिकों को स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्द है। प्रदेश में राजकार्य में पारदर्शिता लाने के लिये डिजिटल सिस्टम को बढावा देकर जनता के मन में विश्वास बनाने का काम सरकार की तरफ़ से किया जा रहा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सूबे के हर गरीब नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए सरकार ने कई नवाचार किए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय ग़रीबों को राशन की चीनी नहीं मिलती थी। घपले और धाँधली की शिकायतें आम रहती थी। हमारी सरकार बनते ही हमने पात्र लाभार्थियों के नाम ऑनलाइन कर दिए है। पीडीएस प्रणाली को मज़बूत कर पात्र व्यक्ति को उसके हिस्से की पूरी चीनी दी जा रही है। सरकार की इस पहल से हिमाचल प्रदेश के करीब साढ़े अठारह लाख राशनकार्ड धारकों को समय पर चीनी मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने चीनी पर 5% वैट लगाकर ग़रीबों को चीनी की पहुँच से दूर कर दिया था और हमारी सरकार ने आते ही इस निर्णय में बदलाव किया ताकि ग़रीबों को फिर से सस्ती दर पर चीनी मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय चीनी खरीद में धाँधली की शिकायतें आम थी। कारोबारी चीनी की बिलिंग पर चावल से लेकर अन्य सामान पड़ोसी राज्यों से लाते थे लेकिन हमारी सरकार आते ही इन सब पर हमने रोक लगाई है।

हमने राशन की चीनी खरीद को सरल व भृष्टाचार मुक्त किया है। जबकि पूर्व की कांग्रेसी सरकार के समय में चीनी की खरीद में घपले की शिकायतें मीडिया में आती रहती थी। हमने भृष्टाचार रोकने के लिए हरियाणा में सरकारी संस्था हैफेड से करार किया है। इससे पूर्व हिमाचल सरकार हरियाणा की निजी मिलों से चीनी ख़रीदती थी जिनमें धाँधली की शिकायतें चर्चा का विषय बनी रहती थी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी की खरीद हरियाणा के सरकारी उपक्रम हैफेड के माध्यम से कहने का निर्णय लिया ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगे और निष्पक्ष काम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हैफेड से राज्य खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा ख़रीदी गयी चीनी न केवल गुणवत्ता के मापदंडों पर खरी है बल्कि पहले की तुलना में सस्ती भी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीति का असर ये हुआ कि हमें हरियाणा सरकार से पहले की तुलना मे सस्ती दर पर चीनी मिल रही है। सरकारी एजेंसियों से दालें और चीनी की खरीदने से सरकार को 78 करोड़ की बचत हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चीनी ख़रीदने का मासिक कोटा भी निर्धारित किया है जिसमें 40 हज़ार क्लिंटल से ज्यादा चीनी ख़रीद न हो और अगर ज्यादा ज़रूरत हो तो केबीनेट इसका निर्णय लेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार से हमारी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर आप ग़ौर करेंगे तो पता चलेगा कि पिछली सरकार की तुलना में हमने जनता के हित में अनेकों फ़ैसले लिए है जिनमें राशन की चीनी उचित मूल्य की दुकानों पर पहले की तुलना मैं 5 रुपये प्रति किलो सस्ती करने के अलावा दाल, चावल और अन्य सुविधाएँ देने जैसे कई निर्णय शामिल है।

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