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कुरुक्षेत्र : महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक की तरह हरियाणा में भी गन्ना किसान बकाया भुगतान से पीड़ित है। आन्दोलन, धरना प्रदर्शन, रास्ता रोको जैसे तरीके अपनाने के बावजूद मिले भुगतान नही कर रही है। राज्य सरकार भी किसानों को राहत देने में विफ़ल रही, जिससे किसान काफी खफा है। इसके चलते इंद्री क्षेत्र के करीब चार हजार गन्ना किसानों का शुगर मिल पर 113 करोड़ रुपये के बकाया मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग हरियाणा ने फसल की कीमत न मिलने पर गहरी चिता जाहिर की है। साथ ही बकाया भुगतान समस्या को किसानों के अधिकारों का हनन करार देते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्षेत्र के 224 गावों के किसान भादसों शुगर मिल में गन्ना डालते हैं। करीब चार हजार किसान शुगर मिल से जुड़े हैं, लेकिन हर सीजन में किसानों को अपने गन्ने की पेमेंट लेने में बड़ी दिक्कत आती है। किसानों को कई महीने पेमेंट के लिए धक्के खाने पड़ते हैं और इस मिल में गन्ना डालना किसानों की मजबूरी होती है। राज्य सरकार भी मिल के खिलाफ कड़े कदम उठाने से बच रही है, जिससे किसानों में काफी आक्रोश है। अब मानवाधिकार आयोग के दखलंदाजी से मिल प्रबंधन और प्रदेश की सरकार में भी हडकंप मच गया है। हो सकता है की हरियाणा की तरह अन्य राज्यों में भी मानवाधिकार आयोग गन्ना बकाया और किसानों के हितों के लेकर हस्तक्षेप करे।