केंद्रीय कृषि मंत्री के आतिथ्य में हुआ आईसीएआर के 95वें स्‍थापना दिवस समारोह का समापन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 95वें स्‍थापना दिवस समारोह का समापन आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। यहां श्री तोमर ने कहा कि कृषि व खाद्य सुरक्षा के संबंध में वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों के समाधान में आईसीएआर के वैज्ञानिकों की महती जिम्मेदारी है, इनमें वे सफल हों। साथ ही वैज्ञानिकों का अनुसंधान आमजन के ध्यान में भी आएं, वे और प्रशंसा के पात्र बनें, इस दृष्टि से स्थापना दिवस को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाने की सार्थकता है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि हमारे कृषि प्रधान देश में किसानों के अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों के अनुसंधान व केंद्र एवं राज्यों की किसान हितैषी नीतियों के कारण हमारा देश आज खाद्यान्न अतिशेष बन चुका है तथा अधिकांश कृषि उत्पादों की दृष्टि से दुनिया में नंबर एक या दो पर है। श्री तोमर ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों का दूरगामी दृष्टिकोण भारत को हर विधा में नंबर एक पर पहुंचाने का है और इस दिशा में आईसीएआर के संस्थानों से लेकर देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों तक, सभी वैज्ञानिक प्रयत्नशील है। कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की चुनौती हम सब लोगों के सामने है, सारी दुनिया इससे जूझ रही है। जलवायु परिवर्तन के दौर में जिन बीजों की जरूरत है तथा खाद्यान्न-बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन क्षेत्र में भी दूरगामी सोच व आपूर्ति की अपेक्षा के अनुरूप हमारे वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, उनकी सफलता का विश्वास है। श्री तोमर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उद्घाटन समारोह के दौरान विभिन्न विषयों से संबंधित 17 समझौतों का आदान-प्रदान हुआ। साथ ही, आईसीएआर एवं वैज्ञानिकों को परामर्शदाता के रूप में आगे आने के लिए भागीदारों द्वारा रूचि की अभिव्यक्ति भी की गई है।

आईसीएआर ने 16 जुलाई 2023 को 95वां स्थापना दिवस मनाया। पहली बार स्थापना दिवस को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया गया। परिषद द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों व नवाचारों के बारे में लोगों को बताने व जागरूक करने हेतु प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें किसानों, कृषि-उद्योग से जुड़े लोगों ने सहभागिता की। प्रदर्शनी का केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने आज अवलोकन किया। इसमें दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया व वैज्ञानिकों से संवाद किया। इस तरह के प्रयासों से छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।

आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने बताया कि आयोजन के दौरान कृषि नवाचारों को बढ़ावा देने व व्यावसायीकरण हेतु वैज्ञानिक-उद्योग इंटरफेस बैठकें भी साइड इवेंट में आयोजित की गई। कार्यक्रम में किसान, स्टार्टअप प्रतिनिधि, आईसीएआर-कर्मी भी मौजूद थे।

(Source: PIB)

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