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लोकसभा चुनाव कगार पर है, और महाराष्ट्र में कई चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को पूर्ण उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) का भुगतान अब तक नहीं किया है। यह चुनाव में राजनीतिक मुद्दा भी हो सकता है।
गन्ना किसानों के लिए अस्तित्व में आने वाली अग्रणी किसान संगठन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (SSS) ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया है। एसएसएस नेता और सांसद राजू शेट्टी को भरोसा है कि, चीनी मिलें लंबित एफआरपी का भुगतान करेंगी।
एक न्यूज़ पोर्टल के खबर के मुताबिक, शेट्टी ने कहा की, हमने चुनाव शुरू होने से पहले ही सभी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कई आंदोलन चलाए हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से किसानों की लड़ाई लड़ेंगे।
19,623 करोड़ एफआरपी में से, मिलों ने 14,881 करोड़ का भुगतान किया है, जबकि किसान 4,742 करोड़ के बकाया का तत्काल भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।
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