बिजनौर: बिजनौर में भारी ठंड और कोहरे के कारण चीनी मिलों की रिकवरी पर थोड़ा सा असर पड़ा है। खबरों के मुताबिक, गन्ने से चीनी की रिकवरी प्रति क्विंटल गत साल से अपेक्षाकृत 0.30 प्रतिशत कम हुई है। यानी एक क्विंटल में 300 ग्राम कम चीनी। इससे चीनी मिलों को नुकसान हो रहा है।
जिले की सभी चीनी मिलों में पेराई जोरशोर से चल रही है। यह पेराई 10 नवंबर से शुरु हुई है। इन सभी 9 चीनी मिलों में प्रतिदिन करीब छह लाख क्विंटल गन्ने की पेराई होती है। इस सीजन चीनी रिकवरी 14 प्रतिशत तक जाने का अनुमान है, लेकिन पहले दो दिन की बारिश और अब कई दिन तक आए कोहरे ने मिलों की उम्मीद को कमजोर कर दिया है।
राज्य में भारी कोहरे औऱ ठंड के कारण चीनी मिलों की रिकवरी औसतन 11.61 प्रतिशत पर आ गई है। बिलाई चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि जैसे जैसे मौसम साफ होगा गन्ने में चीनी की रिकवरी बढ़ेगी।
पौधे की पत्तियां धूप निकलने पर प्रकाश संशलेषण की क्रिया के जरिये खाना बनाती हैं। गन्ने के पौधे में सुक्रोज व ग्लूकोज दो पदार्थ होते हैं। ग्लूकोज गन्ने के पौधे की खुराक होता है। सुक्रोज से चीनी बनती है। प्रकाश संशलेषण न होने पर गन्ना अपने अंदर मौजूद सुक्रोज को ग्लूकोज में परिवर्तित करके उसे खाने लगता है। बारिश या कोहरे की वजह से कई दिन तक धूप नहीं निकली। इससे पौधे ने यही प्रक्रिया अपनाई। इससे मिलों को नुकसान हुआ।
राज्य के गन्ना विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक धामपुर चीनी मिल में 11.20 प्रतिशत, स्योहारा में 12 प्रतिशत, बिलाई में 12.01 प्रतिशत, बहादरपुर चीनी मिल में 12.72 प्रतिशत, बरकातपुर में 11 प्रतिशत, बुंदकी में 11.20 प्रतिशत, चांदपुर चीनी मिल में 11.15 प्रतिशत, बिजनौर में 11.10 प्रतिशत और नजीबाबाद चीनी मिल में 12.15 प्रतिशत चीनी की फिलहाल रिकवरी दर्ज हुई है।
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