सीतापुर : सेकसरिया चीनी मिल बिसवां की ओर से कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया था, और इस शरद कालीन गन्ना बुवाई कृषक गोष्ठी में चीनी मिल के गन्ना सलाहकार व वैज्ञानिक ने किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई के तरीके बताए।उन्होंने गन्ने के साथ आलू ,लहसुन, प्याज,मसूर,धनिया, मटर आदि की सह फसली खेती कर दोहरा लाभ लेने की सलाह दी।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, डॉ रामकुशल सिंह ने कहा कि, वह खेत की मिट्टी को बंजर होने से बचाने के लिए रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करें।इसकी जगह देसी गाय के गोबर और मूत्र से बनने वाले जीवामृत और हानिकारक कीटों से फसलों को बचाने के लिए जैव पेस्टिसाइड का खेती में उपयोग करें। इससे खेत की मिट्टी उपजाऊ बनी रहेगी। प्रकृति का हलवाहा कहा जाने वाला केंचुआ खेत की मिट्टी में फिर से वापस लौट आएगा।
वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डॉ अमरीश कुमार और उप गन्ना प्रबंधक विमल मिश्रा ने किसानों को गन्ने की नवीनतम रोग मुक्त प्रजातियां जिनमें 0118, 5023, 14 201 की बुवाई करने की अपील की। इस अवसर पर कृपाशंकर वर्मा, रजनेश जायसवाल, सरदार जितेंद्र सिंह, सरदार बांके, रामचंद्र गौड़, प्रेमनाथ मिश्रा, बलभद्र सिंह, शालिग्राम मिश्रा, धर्मपाल, सुंदरलाल, गया प्रसाद, जगमोहन प्रसाद, सैदुलहक अंसारी, महेश, आलोक मिश्रा, कपीश कुमार, ओमप्रकाश, दयाराम, सौरभ आदि मौजूद रहे।