कुरुक्षेत्र: भारतीय किसान संघ (BKS), हरियाणा ने राज्य़ में गन्ने का मूल्य बढ़ाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर हरियाणा सरकार ने नए साल की शुरुआत तक गन्ना खरीदी दर में संशोधन नहीं किया, तो राज्य की सभी चीनी मिलों को बंद करा दिया जायेगा।
BKS ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में सरकार ने गन्ने की कीमत में मात्र 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। BKS सदस्यों ने कल यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बातें करती है, लेकिन गत 5 वर्षों में इसने ठीक उलटा काम ही किया। बता दें कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने 2019-20 के पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं, जिससे किसानों में रोष है। 2018-19 के पेराई सत्र के दौरान गन्ने की शुरुआती किस्म की दर 340 रुपये प्रति क्विंटल, मध्यम-किस्म के लिए 335 रुपये और लेट-किस्म के लिए 330 रुपये थी।
BKS प्रतिनिधियों ने बताया कि गत 29 नवंबर को यमुनानगर में एक पंचायत आयोजित की गई जिसमें पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। 4 दिसंबर को चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल को उनके निवास पर एक मांग-पत्र सौंपा गया, जिसमें 30 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की मांग की गई थी, इसके बावजूद सरकार किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है।
बीकेएस, हरियाणा के प्रवक्ता रणदीप सिंह आर्य ने बताया कि 20 दिसंबर से करनाल में विरोध रैली निकाली जाएगी तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाएंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि गन्ना मूल्य में 30 रुपये या उससे अधिक की वृद्धि नहीं की गई तो किसान 1 जनवरी से राज्य की 14 चीनी मिलों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे और 5 जनवरी से सभी चीनी मिलों को बंद करा दिया जाएगा।
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