बिजनौर : जिले की मिलों ने चीनी के साथ साथ अब एथेनॉल उत्पादन में भी नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एथेनॉल उत्पादन में बढ़ोतरी के लक्ष्य और अच्छे मुनाफे के चलते चीनी मिलों ने इसके उत्पादन के तरफ रुख किया है।
लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जिले की पांच चीनी मिलों ने लगभग 960 लाख 40 हजार लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया है। मिलों द्वारा एथेनॉल की बिक्री से आनेवाले 55 प्रतिशत पैसे से किसानों को बकाया भुगतान किया गया है। मिलों ने अब तक 504 करोड़ 72 लाख रुपये का एथेनॉल बेचा है।
केंद्र सरकार की एथेनॉल समिश्रण निति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार भी मिलों को ज्यादा से ज्यादा एथेनॉल उत्पदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।नतीजन राज्य में एथेनॉल उत्पादन प्रचुर मात्रा में बढ़ रहा है। साथ ही एथेनॉल उत्पादन बढ़ने से अधिशेष चीनी की समस्या भी कम होती नजर आ रही है।
भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर अभी काफी चर्चा है और पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में बहुत अच्छा बदलाव आया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक नवीनतम अपडेट में कहा कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के दौरान एथेनॉल मिश्रण 1.53 प्रतिशत से बढ़कर चल रहे एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 में 7.93 प्रतिशत हो गया है।
सरकार के एथेनॉल उत्पादन पर जोर देने के बाद, कई कम्पनियाँ उद्योग में निवेश करने के लिए इच्छुक है। हालही में कई शुगर कंपनियों ने डिस्टिलरी स्थापित करने का ऐलान किया है।
आपको बता दे, सरकार का टारगेट है की 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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