नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने मंगलवार को कहा, केंद्रीय बजट 2021 में, एथिल अल्कोहल पर आयात शुल्क को 2.5 % से बढ़ाकर 5 % करने का प्रस्ताव है। जिससे घरेलु मोलासिस की मांग में बढ़ोतरी होगी। मांग में बढ़ोतरी के चलते किसानों को भी अच्छे पैसे मिलेंगे। एथिल अल्कोहल पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद आयातित एथिल अल्कोहल प्रति लीटर 1 रूपयें महंगा कर देगा। जिसके कारण घरेलु मोलासिस और अल्कोहल की मांग में वृद्धि होगा।
वाणिज्य मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में, भारत ने 50 करोड़ लीटर एथिल अल्कोहल का आयात किया, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से रासायनिक उद्योग में किया जाता है। 2020-21 की अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान, भारत ने उच्चतर मांग को दर्शाते हुए एथिल अल्कोहल के 40 करोड़ लीटर से थोड़ा अधिक आयात किया। यह चीनी उद्योग द्वारा उत्पादित 300 करोड़ लीटर एथिल अल्कोहल के अतिरिक्त है। इसमें से 100-110 करोड़ लीटर का उपयोग स्प्रिट बनाने के लिए किया जाता है, जबकि शेष को रासायनिक उद्योग (40-45 करोड़ लीटर) के लिए या पेट्रोल के साथ मिश्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। ISMA ने चीनी उद्योग के लिए 4,337 करोड़ के प्रस्तावित बजटीय आवंटन का भी स्वागत किया, जो पिछले बजट अनुमानों की तुलना में 2,895 करोड़ अधिक है। ‘इस्मा’ को उम्मीद है कि, अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर बजट का ध्यान गन्ना और अधिशेष अनाज / मक्का से इथेनॉल उत्पादन को और बढ़ावा देगा, क्योंकि इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल वाहनों के प्रदूषण को कम करता है और सीधे वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है।