नई दिल्ली: एफआईपीआई पुरस्कार समारोह में बात करते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, भारत ने 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल-सम्मिश्रण हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा की, 2014 में, 5 प्रतिशत के लक्ष्य के खिलाफ केवल 1 प्रतिशत से कम इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जा रहा था। पिछले वर्ष में, यह अनुपात 8.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है और अगले साल यह 10 प्रतिशत तक पहुँच जायेगा। पिछले साल सरकार ने 2022 तक 10 प्रतिशत और 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल-सम्मिश्रण तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन अब 20 प्रतिशत का लक्ष्य 2024-25 तक ही हासिल करने का लक्ष्य तय किया है।
भारत जब इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा, तो भारत पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण में ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर होगा। भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर 83 प्रतिशत निर्भर है। इथेनॉल के साथ सम्मिश्रण के बाद पेट्रोल आयात की आवश्यकता कम होगी। इसके अलावा, इथेनॉल कम प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है, इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
प्रधान ने कहा, 2025 तक 20 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए 1,000 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत होगी। पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाने का कदम चीनी मिलों के लिए राजस्व का एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान करेगा और उन्हें किसानों की बकाया राशि भुगतान करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा की, हमारे पास इथेनॉल-पेट्रोल सम्मिश्रण में नंबर 1 राष्ट्र बनने की क्षमता हैं।