भारत का रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य

नई दिल्ली : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, भारत ने अधिक रिफाइनरियों के निर्माण के साथ साथ प्रति वर्ष 450 मिलियन टन (एमटीपीए) रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स और नॉर्थ इंडिया काउंसिल द्वारा यहां आयोजित पहले ऊर्जा शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, पुरी ने कहा, रिफाइनरियां पेट्रो-रसायन और हरित हाइड्रोजन बनाएगी। इस समय देश की रिफाइनिंग क्षमता करीब 25 करोड़ टन सालाना है और हम इसे बढ़ाकर 40 करोड़ या 45 करोड़ टन सालाना करना चाहते हैं। हम बड़ी संख्या में 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) रिफाइनरियों की तलाश कर रहे हैं, न कि बड़ी रिफाइनरियों की।

हरित ऊर्जा की दिशा में भारत की प्रगति के बारे में बात करते हुए, मंत्री पूरी ने कहा, हम जून 2022 में 10 प्रतिशत सम्मिश्रण तक पहुँच गए हैं, और आयात बिल पर हमारी बचत 41,000 करोड़ रुपये हुई, जिससे किसानों को भी लाभ हुआ। हम 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे, जो कि 2030 के प्रारंभिक लक्ष्य से बहुत पहले है।उन्होनें कहा, जैव-ईंधन में, भारत एक सफलता की कहानी है, और हम जैव-ईंधन गठबंधन के लिए जी20 में अध्यक्षता का उपयोग कर रहे हैं।

पुरी ने कहा, अमेरिका के साथ किसी भी सहयोग के लिए स्वच्छ ऊर्जा पर काफी ध्यान देने की आवश्यकता होगी। भारत और अमेरिका एक नई साझेदारी बनाने की प्रक्रिया में हैं, जो न केवल सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को मजबूत और गहन करेगा बल्कि नए क्षेत्रों को भी तराशेगा। कई उथल-पुथल के बावजूद, हमने तेल और गैस की कीमतों को बढ़ने नहीं दिया है।रूस-यूक्रेन मुद्दे के बावजूद अप्रैल 2022 से कीमतें नहीं बढ़ी हैं।

मंत्री पूरी ने आगे कहा की, हमारा घरेलू गैस उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़ गया, सामान्य गैस सिलेंडर वितरण 31 करोड़ हो गया, पीएनजी (पाइप प्राकृतिक गैस) कनेक्शन 25.4 लाख से बढ़कर 1.05 करोड़ हो गया। यह सोची समझी नीति के कारण हुआ है।एस्सार कैपिटल के ऑपरेटिंग पार्टनर और आईएसीसी के एनर्जी कमेटी के चेयरमैन सुनील जैन ने कहा, अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है, तो हमें रिन्यूएबल एनर्जी से तीन गुना संसाधन स्थापित करने होंगे। भारत को अगले आठ साल में 2030 तक 500 अरब डॉलर की जरूरत है। हमें परमाणु ऊर्जा जैसी बड़ी भंडारण क्षमता की जरूरत है।

आईएसीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित भसीन ने कहा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत में हर स्तर पर तैयारी है।हमें मुद्दों को इस तरह से संबोधित करना होगा कि हम ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से दूर हो जाएं, संक्रमण के लिए आदर्श समय सीमा हो और स्थायी ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत हों।

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