भारत-ब्राजील के बीच गन्ना और चीनी उद्योग से जुडे व्यापार और कारोबार पर सहयोग एवं साझेदारी की है जरूरत

नई दिल्ली, 1 फरवरी: ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत में आये थे, जिसके बाद उन्होंने भारत और ब्राज़ील के रिश्ते को मजबूत करने की बात कही थी। आने वाले समय में भारत-ब्राजील के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबधों की बिसात और मजबूत और भी होगी। राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए ब्राजील के राजदूत आंद्रे अरान्हा केरया डे लागो ने कहा कि दोनों देश तेजी से ऊभरती अर्थव्यवस्था है एवं आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को मजबूती प्रदान कराने के लिए गंभीर है। कारोबार की व्यापक संभावनाओं के बीच दोनों देश कृषि और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए उत्साहित है। इनमें गन्ने की उन्नत खेती, तकनीक आधारित चीनी उद्योग, खाद्य तेल और कृषि रसायन जैसे मुख्य तौर पर शामिल है।

आन्द्रे अरान्हा ने कहा कि देशों के बीच गन्ना और चीनी उद्योग से जुडे व्यापार पर व्यापक हिस्सेदारी व साझेदारी है। पूरी दुनिया में भारत-ब्राज़ील 51 प्रतिशत गन्ने की हिस्सेदारी रखते है। चीनी की हिस्सेदारी की बात करें तो यह तकरीबन 35 फीसदी से ज्यादा है जिसे दोनों राष्ट्र मिलकर और बढ़ा सकते है। इसी तरह इथेनॉल के व्यापार और कारोबार को लेकर भी दोनों देशों के बीच संभावनाओं के द्वार खुले है। ऐसे में भारत ब्राजील के बीच इस दिशा में काफी कुछ सहयोग और साझेदारी हो सकती है। जो कि पैट्रोल आधारित वाहनों की निर्भरता को कम करने के साथ इथेनॉल आधारित वाहनों की उपयोगिता को बढ़ावा देगा । इससे एक ओर जहां पैट्रोल आयात कम करने में मदद मिलेगी वहीं वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि भारत और ब्राजील के बीच रिश्तों की शुरुआत तकरीबन पांच दशक पहले हुई थी। वक्त से साथ दोनों देशों के बीच रिश्ते बदलते रहे है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत ब्राजील के रिश्तों में न केवल सुधार हुआ है बल्कि व्यापार और कारोबार भी बढ़ा है।

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