नई दिल्ली : चीनी व्यापार जगत और उद्योग से जुड़े संबंधित अधिकारियों के मुताबिक भारत आकर्षक वैश्विक कीमतों के कारण इस साल अपने स्वयं के निर्यात रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर अग्रसर है। चीनी मिलों ने 1 अक्टूबर से शुरू हुए नए सीज़न में 20 लाख टन चीनी निर्यात के अनुबंध किये है, जिससे उम्मीद है कि, देश 2019-20 सीज़न में विश्व बाजार पर कम से कम 50 लाख टन की बिक्री करेगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक तिहाई अधिक है।
न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, एक वैश्विक ट्रेडिंग फर्म की भारतीय इकाई के नई दिल्ली स्थित डीलर ने कहा, “मौजूदा रुझान को देखते हुए, मैं आपको बहुत विश्वास के साथ बता सकता हूं कि हम इस साल कम से कम 50 लाख टन का निर्यात कर सकेंगे।” व्यापार और उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 50 लाख टन निर्यात के साथ 2007-08 के 49.60 लाख टन के अपने पिछले रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।
आपको बता दे, चीनी अधिशेष को कम करने और मिलों को सहायता करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया था। केंद्र सरकार ने अधिकतम स्वीकृत निर्यात परिमाण के तहत सीजन 2019-20 में 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का फैसला किया था।