नई दिल्ली: भारत में सीजन 2018-19 में अब तक 3.68 मिलियन टन चीनी निर्यात करने का अनुमान है। सरकार ने सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 5 मिलियन टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी थी, जिसके लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
देश में 3.14 मिलियन टन चीनी निर्यात हो चूका है और 9 सितंबर तक शेष 544,635 टन ट्रांजिट में है। खबरों के मुताबिक, निर्यात की गई कुल चीनी में से कच्ची चीनी लगभग 1.49 मिलियन टन और सफेद लगभग 1.53 मिलियन टन है। अधिकांश चीनी ईरान को निर्यात की गई है, इसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका, सोमालिया और अफगानिस्तान को किया गया हैं।
देश चीनी अधिशेष से जूझ रहा है और इससे छुटकारा पाने के लिए निर्यात एक अच्छा विकल्प है। चीनी अधिशेष को कम करने के लिए, भारत सरकार ने सीजन 2019-2020 के लिए भी 28 अगस्त को चीनी निर्यात सब्सिडी की घोषणा की। सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है। इसपर 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। देश चीनी अधिशेष से जूझ रहा है और इसलिए सरकार का मकसद चीनी निर्यात को बढ़ावा देना है। कैबिनेट ने चीनी सीजन 2019-20 के लिए चीनी मिलों को निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
सरकार ने चीनी उद्योग को राहत देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है, जिसमे सॉफ्ट लोन, निर्यात सब्सिडी और चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि शामिल है।
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