नई दिल्ली : देश में जिन किसानों ने अभी रबी की फसल बोई है, उनके लिए अच्छी खबर है। भारत वर्तमान में टिड्डियों से मुक्त है। लोकस्ट वार्निंग ऑर्गनाइजेशन (जोधपुर) द्वारा किए गए नियमित सर्वेक्षण के दौरान, देश को 1-15 दिसंबर, 2022 के दौरान रेगिस्तानी टिड्डियों की गतिविधियों से मुक्त पाया गया। ऐसे टिड्डों के प्रजनन की भी सूचना नहीं मिली है।रबी की फसलें ज्यादातर अक्टूबर और नवंबर के दौरान बोई जाती हैं और उपज की परिपक्वता के आधार पर जनवरी से मार्च तक फसल काटी जाती है।
नवीनतम बुलेटिन में कहा गया है कि, कुल 110 स्पॉट, ज्यादातर राजस्थान और गुजरात में, क्षेत्र सर्वेक्षण करते समय कवर किए गए थे।ऐसे टिड्डियों के प्रजनन की भी सूचना नहीं मिली है। रिपोर्टिंग अवधि के दौरान रेगिस्तान क्षेत्र में कोई वर्षा नहीं देखी गई। सर्वेक्षक के अवलोकन के अनुसार सूरतगढ़, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर में वनस्पति हरी और नागौर, फलोदी, जोधपुर, जालौर, पालनपुर और भुज में सूखी पाई गई। सूरतगढ़ और पालनपुर के कुछ इलाकों को छोड़कर मिट्टी में नमी शुष्क देखी गई। भारत में अगले पखवाड़े तक किसी भी टिड्डे की गतिविधि की उम्मीद नहीं है। भारत के अलावा ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में फिलहाल स्थिति अच्छी है।
2020 की शुरुआत में पाकिस्तान में टिड्डियों का खतरा सबसे जादा था, जब देश ने खतरे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया था। इसी समय, भारत ने भी राजस्थान, गुजरात, पंजाब के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कई भारतीय राज्यों में बड़े पैमाने पर टिड्डियों का आक्रमण देखा। टिड्डियों के झुंड को भारत में पहली बार अप्रैल की शुरुआत में पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के कुछ जिलों में देखा गया था।