भारत ने तय समय से 5 महीने पहले 10 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है

भारत सरकार देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने, ईंधन पर आयात निर्भरता को कम करने, विदेशी मुद्रा बचाने, पर्यावरण संबंधी मुद्दों से निपटने, और घरेलू कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है। वर्ष 2018 में सरकार द्वारा अधिसूचित ‘जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति’ में वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण के एक सांकेतिक लक्ष्य की परिकल्पना की गई थी। हालांकि, उत्साहजनक प्रदर्शन को देखते हुए, 2014 से सरकार के किए गए विभिन्न उपायों के कारण, पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 से पहले 2025-26 तक ही प्राप्त कर लेने का रखा गया था।

जून, 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “भारत में एथेनॉल मिश्रण 2020-25” नाम से एक रोडमैप भी जारी किया था जिसमें 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत खाका तैयार किया गया है। इस रोडमैप में नवंबर, 2022 तक 10% मिश्रण के मध्यवर्ती लक्ष्य का भी उल्लेख किया गया है।

हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के समन्वित प्रयासों के कारण, कार्यक्रम के तहत 10% मिश्रण का लक्ष्य नवंबर, 2022 की लक्षित समय-सीमा से बहुत पहले प्राप्त कर लिया गया है। देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल में औसतन 10% एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

पिछले 8 वर्षों के दौरान हासिल इस उपलब्धि ने न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाया है बल्कि 41,500 करोड़ रुपये से अधिक के विदेशी मुद्रा का बचाव किया है, 27 लाख एमटी के जीएचजी उत्सर्जन को कम किया है और किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का शीघ्र भुगतान भी किया है।

सरकार की तरफ से किए गए सभी उपायों के साथ, ईबीपी कार्यक्रम 2025-26 तक 20% मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।

(Source: PIB)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here