नई दिल्ली: इस वर्ष भारत का एथेनॉल उत्पादन 4.7 बिलियन लीटर है, जो चीन के 4.2 बिलियन लीटर से अधिक है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, चीन द्वारा उत्पादित 4.1 बिलियन लीटर की तुलना में भारत ने 2021 में 3.2 बिलियन लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया था।भारत एथेनॉल उत्पादन के लिए मुख्य रूप से मोलासेस और गन्ने का उपयोग करता रहा है, अब उत्पादन को और बढ़ाने के लिए मक्का पर स्विच करना चाहता है। महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक राज्य हैं।
2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के कड़े लक्ष्य के बीच, भारत पेट्रोल के साथ इस ईंधन के मिश्रण को सुविधाजनक बनाने के लिए एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम पर आक्रामक रूप से जोर दे रहा है। एथेनॉल का बढ़ता उपयोग भारत के हरित ऊर्जा मिशन को बढ़ावा देगा। भारत में 2026 तक एथेनॉल का उत्पादन प्रति वर्ष 5.4 बिलियन लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत अब एथेनॉल का उत्पादन करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
केंद्र सरकार ने समय सीमा से काफी पहले पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिलाने के निर्धारित लक्ष्य को छूने के बाद कहा कि, 2025-26 तक 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण हासिल करने का अगला लक्ष्य पटरी पर है। आपको बता दे की, देश में 2013 में पेट्रोल में एथेनॉल-मिश्रण प्रतिशत सिर्फ 0.67 प्रतिशत था।भारत की स्थिर आर्थिक वृद्धि के कारण ऊर्जा खपत में वृद्धि हुई है। भारत का वार्षिक CO2 उत्सर्जन अब दुनिया में तीसरा सबसे अधिक है।
हरित विकास इस वर्ष के बजट में सप्तऋषि कहे जाने वाले सात महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले एक पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा था की, यह बजट वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।इसीलिए, आज, मैं ऊर्जा जगत के प्रत्येक हितधारक को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रभावशाली स्थिति दुनिया में अनुरूप परिवर्तन सुनिश्चित करेगी।