अमेरिका ने भारत , चीन सहित सभी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा है। इस तिथि के बाद भी वहां से तेल मंगाने वाले वाले देशों के खिलाफ उसने आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है और कहा है कि इस मामले में ‘रत्ती भर भी ’ ढ़ील नहीं बरती जाएगी।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सभी देशों को चार नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल का आयात बंद करना होगा। अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या भारत और चीन को भी ईरान से तेल का अयात रोकने को कहा गया है तो उसने कहा ‘चीन और भारत पर, हां , निश्चत रूप से’ । अधिकारी का तात्पर्य था कि यह पाबंदी भारत और चीन पर अन्य सभी देशों पर लागू होगी।
भारत और चीन ईरानी कच्चे तेल के प्रमुख आयातकों में हैं।
भारत में इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे ज्यादा कच्चा तेल ईरान से मंगाया जाता है। 2017-18 के पहले दस महीनों (अप्रैल – जनवरी) में ईरान से 1.84 टन तेल आया था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में ईरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को हटा लिया था। इसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर अधिक से अधिक दबाव बनाना था। उस समय ट्रंप प्रशासन ने विदेशी कंपनियों को अपनी वाणिज्यिक गतिविधियों के हिसाब से ईरानी कंपनियों के साथ कारोबार बंद करने के लिए 90 से 180 दिन का समय दिया था।
अधिकारी ने कहा कि भारत और चीन की कंपनियों को ईरान से तेल का आयात बंद नहीं करने पर 2015 से पहले लगाए गए प्रतिबंधों का फिर सामना करना पड़ेगा। ‘‘ हम सभी देशो से आग्रह कर रहे हैं कि वे ईरान से कच्चे तेल के आयात को शून्य पर लाएं। ’’
एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि इन देशों को अभी से ईरान से तेल आयात कम करना चाहिए और चार नवंबर तक इसे पूरी तरह बंद करना चाहिए।
अधिकारी ने कहा कि यह ट्रंप प्रशासन की ईरान के वित्तपोषण के स्रोत को अलग – थलग करने की रणनीति का हिस्सा है।