नई दिल्ली: भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर सरकार के साथ साथ चीनी मिलें, और तेल विपणन कंपनियां भी अहम भूमिका निभा रही है। एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के साथ भंडारण क्षमता में वृद्धि पर भी जोर दिया जा रहा है।
रायटर्स के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक, इंडियन ऑयल कॉर्प के निदेशक एसएसवी रामकुमार ने कहा कि, भारत के सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेता अपनी एथेनॉल भंडारण क्षमता में 51 प्रतिशत की वृद्धि कर रहे हैं क्योंकि देश ने 2025 तक फ्यूल के साथ एथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। व
र्तमान में, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और अपनी 80 प्रतिशत से अधिक मांग को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का संकल्प लिया है, और उद्योगों को कार्बन पदचिह्न में कटौती के लिए अक्षय और जैव ईंधन सहित क्लीनर विकल्पों पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। एसएसवी रामकुमार ने एक ऊर्जा सम्मेलन में कहा कि, भारत 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित गैसोलीन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के काफी करीब है।
पिछले साल, सरकार ने अपने पिछले लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने का लक्ष्य आगे बढ़ाया, ताकि महंगे तेल आयात पर इसकी निर्भरता को कम करने में मदद मिल सके।
सरकार एथेनॉल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है और उनको बहुत अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है। केंद्र सरकार को अब पूरा विश्वास है की एथेनॉल मिश्रण का 20% का लक्ष्य 2025 तक हासिल किया जा सकता है।