वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के कारण भारत आने वाले नए पेराई सत्र से चीनी निर्यात सब्सिडी वापस ले सकता है। रायटर्स में छपी खबर के मुताबिक एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा की भारत अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सत्र से चीनी निर्यात सब्सिडी वापस ले सकता है क्योंकि वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि से भारतीय मिलों के लिए विश्व बाजार में चीनी बेचना आसान हो गया है।
रायटर्स को दिए इंटरव्यू में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) के सुंधाशु पांडे (Sudhanshu Pandey) ने कहा की, “सरकार अगले साल के लिए फिलहाल किसी सब्सिडी पर विचार नहीं कर रही है।”
उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा, “वर्तमान परिस्थितियों को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि सब्सिडी के समर्थन की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि निर्यात अपने आप हो सकता है, तो वैश्विक बाजार के लिए भी यह बेहतर है कि कोई सब्सिडी प्रदान नहीं की जाए।”
आपको बता दे, कई देशों ने भारत द्वारा दिए जा रहे सब्सिडी के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) का दरवाजा खटखाया था। जो मामला फिलहाल चल ही रहा है। भारतीय चीनी उद्योग पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न बाधाओं से जूझ रहा है, और इस क्षेत्र को संकट से बाहर लाने के लिए सरकार ने विभिन्न उपाय उठाये हैं। सरकार का कहना है की चीनी उद्योग को दी गई सहायता विश्व व्यापार संगठन के नियम के तहत है।
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