भारत के चंद्रयान-2 मिशन को 7 सितंबर रात 2 बजे तब झटका लगा, जब चंद्रमा की सतह से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर ‘विक्रम’ से इसरो का संपर्क टूट गया।
इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। चंद्रयान-2 मिशन को देखने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ISRO के मुख्यालय पहुंचे हुए थे।
इसरो के नियंत्रण केंद्र में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि “हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में सबसे अच्छा आना अभी बाकी है, और भारत अपने वैज्ञानिकों के साथ है। हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। यात्रा जारी रहेगी”
उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 में बाधाओं से निराश नहीं होने के लिए कहा और कहा कि “नया सवेरा” होगा।
लगभग 30 मिनट तक चलने वाले संबोधन के बाद, पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से हाथ मिलाया।
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