नई दिल्ली : भारत ने बेंगलुरु में ‘इंडिया एनर्जी वीक’ में E20 पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जिसके तहत पेट्रोल के साथ 20% एथेनॉल मिश्रित किया जायेगा। चले जानते है एथेनॉल सम्मिश्रण और भारत E20 लक्ष्य हासिल करने की तेजी से बढ़ रहा है।एथिल अल्कोहल या इथेनॉल (C2H5OH) एक जैव ईंधन है ,जो स्वाभाविक रूप से चीनी को किण्वित करके बनाया जाता है। जबकि यह ज्यादातर गन्ने से चीनी निकालकर प्राप्त किया जाता है।इसके उत्पादन के लिए खाद्यान्न जैसे अन्य कार्बनिक पदार्थ का भी उपयोग किया जा सकता है।
अपनी कार्बन कटौती प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में, भारत ने जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिए जैव ईंधन को पेट्रोल के साथ मिलाने के लिए एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम शुरू किया है। इससे पहले सरकार ने E10 लक्ष्य को हासिल करने की घोषणा की थी।प्रधान मंत्री मोदी ने सोमवार को कम से कम 15 शहरों में E20 का पायलट लॉन्च किया। आने वाले महीनों और वर्षों में इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किए जाने की उम्मीद है।
केंद्र द्वारा गठित एक विशेष विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट “भारत में एथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोडमैप: 2020-2025” के अनुसार, 2020-21 में 551 बिलियन डॉलर की लागत से भारत का पेट्रोलियम का शुद्ध आयात 185 मिलियन टन था। देश के परिवहन में अधिकांश पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग किया जाता है।E20 कार्यक्रम पूरे देश में लागू होने के बाद देश की प्रति वर्ष 4 बिलियन डॉलर, यानी लगभग 30,000 करोड़ रुपये बचत होगी।
एथेनॉल एक कम प्रदूषणकारी ईंधन है और पेट्रोल की तुलना में कम लागत आती है।सरकार की विभिन्न एजेंसियों ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिए एक अनुकूल नियामक और खुदरा पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं और तेल विपणन कंपनियों और वाहन निर्माताओं ने चरणबद्ध रोलआउट के लिए अपनी योजना तैयार की है।सामान्य गैसोलीन की तुलना में एथेनॉल मिश्रणों के साथ हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन 20% कम हो जाता है।