नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत 2026 तक अमेरिका और ब्राजील के बाद दुनिया में एथेनॉल के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने के लिए तैयार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, देश में 2017 और 2021 के बीच एथेनॉल की मांग तीन अरब लीटर होने का अनुमान है। भारत की बढ़ती मांग से उत्साहित एशिया 2026 तक जैव ईंधन उत्पादन के मामले में यूरोप से आगे निकलने के लिए तैयार है। सरकारी नीतियों को एथेनॉल विस्तार के प्रमुख चालक के रूप में देखा जाता है। एथेनॉल बाजार बढ़ने के अन्य कारक में समग्र परिवहन ईंधन की मांग, लागत और विशिष्ट नीति डिजाइन भी एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में कहा था कि, सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लिया है। पहले लक्ष्य 2030 के लिए निर्धारित किया गया था।
आपको बता दे, सरकार इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है। हालही में सरकार ने गन्ना आधारित इथेनॉल कीमत 62.65 रुपये से बढ़ाकर 63.45 रुपये प्रति लीटर कर दी है। सी-हैवी मोलासेस से इथेनॉल की दर वर्तमान में 45.69 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 46.66 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, और बी-हैवी मोलासेस से इथेनॉल की दर 57.61 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 59.08 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।