खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने मानवीय संकट के कारण अफगानिस्तान को 20,000 मीट्रिक टन(mt) गेहूं भेजने का निर्णय लिया है। खामा प्रेस अफगानिस्तान के लिए एक ऑनलाइन समाचार सेवा है।
खामा प्रेस ने बताया की,इस नए परियोजना में ईरान के चाबहार पोर्ट का उपयोग करके 20,000 टन गेहूं को अफगानिस्तान ले जाने की योजना बनाई गई है। इस उदारवर्ती कर्मसाथी का उद्देश्य यह है कि अफगानिस्तान में व्याप्त भोजन की कमी को कम किया ज सके।
यह परियोजना पाकिस्तान की भूमि सीमा के जरिये से 40,000 टन की पिछली गेहूं सहायता वितरण की सफलता पर आधारित है। 20,000 मीट्रिक टन गेहूं में से 2,500 मीट्रिक टन की पहली खेप पहले ही बंदरगाह से रवाना हो चुकी है और इस सप्ताह ईरान के रास्ते हेरात प्रांत में भेजी जाएगी।
ईरान के चाबहार बंदरगाह के केंद्रीय पारगमन बिंदु के रूप में कार्य करने के साथ, यह मार्ग न केवल भूमि सीमा से उत्पन्न कठिनाइयों से बचा जाता है बल्कि क्षेत्रीय सहयोग के महत्व पर भी जोर देता है।
भारतीय विदेश मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में दिए बयान में कहा है कि नई दिल्ली के अफगानिस्तान दूतावास को लेकर वर्तमान मुद्दे भारत के दृष्टिकोण से आंतरिक मामला है।
वाणिज्यिक प्रतिनिधि अब भी पूर्व अफगान सरकार के दूतावासी, फरीद मामंडजई के तहत कार्यरत हैं। हालांकि, काबुल में वास्तविक सरकार ने हाल ही में नए दूतावासी की नियुक्ति की है, जिसे दूतावास के और कर्मचारियों का विरोध का सामना करना पड़ा।
खामा प्रेस के मुताबिक और मीडिया स्रोतों के अनुसार, तालिबान के नेतृत्व ने नई दिल्ली के दूतावास का प्रमुख नियुक्त किया है।