नई दिल्ली: सरकार चाहती है कि इंडोनेशिया भारत से चीनी आयात करने के नियमों में ढील दे। इस बारे में भारत और इंडोनेशिया सरकार के बीच जो दो-पक्षीय समझौता पर चर्चा हुई थी, उसके पूरा होने का यहां एक साल से इंतजार किया जा रहा है।
इस समझौते के तहत भारत इंडोनेशिया से होने वाले पाम ऑयल आयात का शुल्क कम करने पर सहमत हुआ था, जिसके बदले इंडोनेशिया को भारत से रॉ शुगर आयात के नियम शिथिल करने थे। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन () के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने बताया कि भारतीय चीनी उद्योग एक साल से इंतजार कर रहा है कि इंडोनेशिया भारत से चीनी आयात के नियमों में ढील दे। इससे भारतीय चीनी उद्योग के लिए नए अवसर खुलेंगे क्योंकि भारत में चीनी अधिशेष मात्रा में है।
बता दें कि सालभर पहले भारत में मलेशिया से पाम ऑयल आयात का शुल्क इंडोनेशिया की तुलना में कम था, जिससे इंडोनेशिया से कम आयात हो रहा था। इंडोनेशिया ने भारत से पाम ऑयल का आयात शुल्क कम करने तथा बदले में भारत से चीनी खरीदने का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने मान लिया। उम्मीद थी कि इसके बाद इंडोनेशिया भारत से चीनी आयात के नियमों में छूट देगा, जो आंशिक रूप से दी भी गई। लेकिन भारतीय निर्यातकों के लिए इंडोनेशिया को रॉ शुगर का निर्यात करने में अब भी कुछ बाधाएं हैं।
इंडोनेशिया में ऑस्ट्रेलिया व कुछ अन्य देशों से रॉ शुगर के आयात पर 5 प्रतिशत शुल्क लिया जाता है, जबकि भारत के लिए यह 30 डॉलर प्रति टन था। उक्त समझौते में चीनी आयात शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत करने तथा चीनी आयात के गुणवत्ता मानकों में ढील देने की बात तय हुई थी। इंडोनेशिया ने आयात शुल्क तो कम किया लेकिन जानकार बताते हैं कि गुणवत्ता मानकों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। इंडोनेशिया में एक नियम है कि आयात की जाने वाली कच्ची चीनी में ICUMSA के मानदंड 1200 या अधिक होने चाहिए। भारतीय मिलें बेहतर चीनी का उत्पादन कर रही हैं जिसमें ICUMSA 400-800 तक है। कुछ बड़े चीनी निर्यातक देश इंडोनेशिया में भेजे जाने पर 1200 ICUMSA बनाने के लिए शिपिंग से पहले चीनी की गुणवत्ता कम करते हैं।
हालांकि, इस सीजन के लिए पहले ही देर हो चुकी है, भले ही इंडोनेशिया अभी मानदंडों को शिथिल कर देता है क्योंकि वर्तमान पेराई सत्र समाप्त हो रहा है और मिलों ने कच्ची चीनी को परिष्कृत करना शुरू कर दिया है। इसलिए, इंडोनेशिया के लिए निर्यात अगले सीजन के लिए एक वास्तविक अवसर होगा।
भारत सरकार ने मलेशिया के रिफाइंड पाम ऑयल और पामोलिन के आयात पर रोक लगा दी है, जिससे इंडोनेशिया के लिए भारत में निर्यात करने के लिए एक अच्छा अवसर है। हालांकि क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का आयात मलेशिया से जारी रहेगा।
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