नई दिल्ली : उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा, 2012 में, भारत विश्व जीडीपी रैंकिंग में 11वें स्थान पर था और पिछले दशक में लगभग छह स्थानों की छलांग लगाकर आज, देश पांचवें स्थान पर है। हम अगले 2-3 साल में तीसरे स्थान पर जाएंगे।राष्ट्रीय राजधानी में ‘सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2024’ के दूसरे दिन एक सत्र में बोलते हुए, सिंह ने कहा कि देश “निरंतर विकास दर के आधार पर वैश्विक व्यापार और निवेश में अपनी ऐतिहासिक हिस्सेदारी” फिर से हासिल करने की स्थिति में है।
राजेश कुमार सिंह ने यह भी कहा कि, सरकार की प्रमुख उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उद्देश्य “रणनीतिक स्वायत्तता” सुनिश्चित करना और “असुरक्षित आपूर्ति श्रृंखलाओं” पर निर्भरता कम करना है। सिंह ने कहा, अगर आप देखें कि पीएलआई ने जिस तरह का रोजगार पैदा किया है, वह जबरदस्त है, खासकर महिला श्रमिकों के लिए जिस तरह की नौकरियां पैदा हुई हैं, वह अद्भुत है।
विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने एक अलग सत्र के दौरान कहा कि, आज व्यापार को और अधिक एकीकृत तरीके से देखा जाना चाहिए। रवि ने कहा,वस्तुएँ, निवेश, सेवाएँ, उद्योग और विनिर्माण सभी एकीकृत हैं। हम यह भी देखना शुरू कर रहे हैं कि जिस तरह से हम व्यापार को विकसित होते देख रहे हैं, उसमें वित्त, प्रौद्योगिकी और ई-कॉमर्स भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, व्यापार को अधिक समग्र और एकीकृत आर्थिक गतिविधि के रूप में देखा जाना चाहिए।
श्रम मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि, अब तक 29 श्रम-संबंधित अधिनियमों को चार नए कोड में समेकित किया गया है।व्यवसाय करने में आसानी, सरलीकरण और अनुपालन बोझ में कमी, गैर-अपराधीकरण और निर्बाध विवाद समाधान, श्रम बाजार लचीलेपन को बढ़ावा देने, महिला भागीदारी को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और अर्थव्यवस्था की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने पर नजर रखने के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर श्रम सुधार किए गए है।