भारत को 2025 तक जेट ईंधन में 1% सम्मिश्रण प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ष 14 करोड़ लीटर SAF की आवश्यकता होगी

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 2025 तक जेट ईंधन में 1% सम्मिश्रण हासिल करने के लिए प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ लीटर सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि 2025 तक, अगर हम जेट ईंधन में 01 प्रतिशत एसएएफ सम्मिश्रण करने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो भारत को प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ लीटर SAF की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि ज्यादा महत्वाकांक्षी बनते हुए अगर हम 05 प्रतिशत एसएएफ मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो भारत को प्रति वर्ष लगभग 70 करोड़ लीटर एसएएफ की आवश्यकता होगी।

मंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा स्पष्ट रूप से निर्धारित किए गए दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को 2047 तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि. “यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि पेट्रोलियम क्षेत्र को प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में बहुत योगदान देना पड़ेगा।” पुरी कल नई दिल्ली में उद्योग एवं मीडिया जगत की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव, पंकज जैन भी मौजूद थे।

विमानन क्षेत्र को कार्बन रहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में, स्वदेशी रूप से निर्मित सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) मिश्रण का उपयोग करते हुए देश की पहली वाणिज्यिक यात्री उड़ान की कल सफलतापूर्वक शुरूआत की गई। पुणे से दिल्ली के लिए, एयर एशिया की उड़ान (आई5 767) ने प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ साझेदारी करते हुए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए एसएएफ मिश्रित विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के साथ उड़ान भरी। हरदीप सिंह पुरी ने हवाई अड्डे पर इस विशेष उड़ान का स्वागत किया।

 

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