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नयी दिल्ली 10 मई (UNI) भारतीय फूड सर्विस उद्योग के वर्ष 2018-19 के 423865 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 599782 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है।
देश में रेस्त्रां का संचालन करने वालों के शीर्ष संगठन नेशनल रेस्टोरेंट एसोसियेशन आॅफ इंडिया (एनआरएआई) की गुरूवार रात यहां जारी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि इस उद्योग के वार्षिक 9 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है।
संगठन ने देश के 24 प्रमुख शहरों में 130 रेस्टारेंटों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और 3500 उपभोक्ताओं के साथ बातचीत के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया है। एनआरएआई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि रिटेल और बीमा उद्योग के बाद यह सेवा क्षेत्र का तीसरा बड़ा उद्योग है। यह फिल्म उद्योग की तुलना में तीन गुना, होटल उद्योग की तुलना में 4.7 गुना और दवा उद्योग की तुलना में 1.5 गुना बड़ा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में रेस्टाेरेंट उद्योग में 73 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस उद्योग ने वर्ष 2018-19 में 1800 करोड़ रुपये का कर चुकाया है। उन्होंने कहा कि अगर असंगठित फूड उद्योग को संगठित क्षेत्र का हिस्सा बना दिया जाये तो सरकार को चुकाये जाने वाले कर का आंकड़ा दोगुना हो सकता है।
देश के पांच लाख से अधिक रेस्टाेरेंट इस संगठन के सदस्य है।