नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी से भारतीय चीनी मिलों को फायदा हुआ है, क्योंकि देश से चीनी निर्यात की मांग बढ़ी है और खबरों के मुताबिक अब तक 28 लाख टन चीनी निर्यात सौदा तय किया गया है। बढ़ी हुई चीनी निर्यात मांग के कारण घरेलू बाजार में भी चीनी की कीमतों में हालही में तेजी देखी गई।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (NFCSF) का अनुमान है कि इस साल चीनी निर्यात 60 लाख टन का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
NFCSF के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे ने कहा, “वैश्विक बाजार में चीनी की कीमतों में वृद्धि के कारण निर्यात मांग बढ़ी है। ऐसा लगता है कि सरकार द्वारा तय चीनी निर्यात लक्ष्य इस साल पूरा होगा।”
आपको बता दे, केंद्र सरकार ने 2019-20 सीज़न के लिए MAEQ के तहत घरेलू चीनी मिलों के लिए 6 मिलियन टन चीनी निर्यात का लक्ष्य रखा है।
पिछले साल सरकार ने MIEQ के तहत 5 मिलियन टन चीनी का लक्ष्य रखा था। हालांकि, भारत केवल 38 लाख टन चीनी निर्यात करने में कामयाब रहा था।
नाइकनवारे ने कहा की वर्तमान सीजन जो 1 अक्टूबर से शुरू हुआ था, उसे चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन 28 लाख टन चीनी निर्यात सौदे तय किए गए हैं और इसमे वृद्धि जारी रहेगी। चीनी निर्यात से घरेलू मिलों को फायदा होगा।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में, रॉ-शुगर की कीमत पिछले तीन महीनों में 18 प्रतिशत बढ़ गई है और व्हाईट शुगर की कीमत नौ प्रतिशत से अधिक हो गई है, जिससे भारतीय चीनी मिलों को निर्यात में मदद मिली है।
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