नई दिल्ली: रायटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने कहा की भारत की चीनी मिलों को इन्वेंट्री को कम करने और अधिशेष उत्पादन के बावजूद घरेलू कीमतों में मजबूती कायम रखने के लिए 2021- 22 में सरकारी प्रोत्साहन के बिना 6 से 7 मिलियन टन चीनी का निर्यात करने की आवश्यकता है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने एक वेबिनार में कहा, चीनी मिलों को उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों का लाभ उठाना चाहिए और चीनी को अधिकतम मात्रा में निर्यात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, पिछले सीजन में रिकॉर्ड 7.2 मिलियन टन चीनी की शिपिंग के बाद, भारतीय मिलों ने अब तक 1 अक्टूबर से 2021-2022 सीजन में 1.8 मिलियन टन निर्यात करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। सिंह ने कहा कि, अफगानिस्तान और श्रीलंका प्रमुख खरीदार थे, लेकिन दोनों देशों की मांग स्थानीय कारणों से बाधित हुई है और मिलों को अब नए बाजार खोजने की जरूरत है।
Marex Spectron विश्लेषक रॉबिन शॉ ने कहा कि, वैश्विक कच्चे चीनी की कीमतों को 20 सेंट प्रति पाउंड से ऊपर उठाने की जरूरत है ताकि भारत चालू वर्ष में 5 से 6 मिलियन टन का निर्यात कर सके क्योंकि अब सरकार चीनी निर्यात के लिए सब्सिडी प्रदान नहीं कर रही है।