बेंगलुरु : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एस एम वैद्य ने रायटर्स को बताया की, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन उत्तरी भारत में अपनी पानीपत रिफाइनरी में स्वच्छ विमानन ईंधन का उत्पादन करने के लिए लांजाजेट (LanzaJet) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगी। अमेरिका स्थित लांज़ाजेट कंपनियों को कृषि या औद्योगिक कचरे से निर्मित एथेनॉल से विमानन ईंधन का उत्पादन करने में मदद करता है, जिसमें Microsoft, संयुक्त राज्य ऊर्जा विभाग, जापान की मित्सुई एंड कंपनी और कनाडा की सनकोर एनर्जी शामिल हैं।
वैद्य के अनुसार, 2030 तक इंडियन ऑयल द्वारा उत्पादित विमानन ईंधन का 2% स्थायी विमानन ईंधन होगा। राज्य द्वारा संचालित रिफाइनर वर्तमान में एथेनॉल से किसी भी विमानन ईंधन का उत्पादन नहीं करता है। कचरे को एथेनॉल में बदलने के लिए इंडियन ऑयल का पहले से ही लांजाजेट की मूल कंपनी लांजाटेक के साथ गठजोड़ है, और लांजाजेट के साझेदारी एथेनॉल को क्लीनर जेट ईंधन में अपग्रेड करने में मदद करेगा। वैद्य ने कहा कि, तेल रिफाइनर गैस पाइपलाइनों को हाइड्रोजन पाइपलाइनों में बदलने के लिए इटली के सनप्रोगेटी स्पा के साथ भी बातचीत कर रहा है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरह भारत में अभी तक टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) को नियंत्रित करने वाली नीतियां नहीं हैं। यूरोपीय आयोग SAF जनादेश 2025 में SAF की न्यूनतम मात्रा 2% के साथ शुरू होने की उम्मीद है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेनिफर होल्मग्रेन ने कहा कि लांजाटेक का लक्ष्य 2-3 साल में पानीपत रिफाइनरी में एथेनॉल आधारित विमानन ईंधन का उत्पादन शुरू करना है।