लंदन : चीनी मंडी
विश्व के चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत से दिसम्बर वायदा बाजार खत्म होने के बाद लंदन एक्सचेंज में चीनी दाखिल हुई, तबतक व्यापारियों ने दिसंबर वायदा की समाप्ति को सुलझाने के लिए चीनी को बेच दिया है ।
ईडी एंड एफ मैन होल्डिंग्स लिमिटेड ने सिंगापुर स्थित व्यापारी विल्मार इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ 350,000 मीट्रिक टन सफेद चीनी का वितरण किया। जो टेरेस और कम से कम दो और कंपनियों द्वारा वितरित की जानेवाली चीनी भारत से आएगी। भारत ने पिछले सीजन में रिकॉर्ड 32.4 मिलियन टन चीनी का उत्पादन किया, जो वैश्विक अधिशेष को हर समय उच्च स्तर पर भेजने में मदद करता था। 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले मौसम में उत्पादन शायद कम पैदावार और सफेद ग्रब कीट के उपद्रव के बीच गिर जाएगा, लेकिन फिर भी यह अभी भी रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी उपज में से एक होगा।
न्यू यॉर्क में कारोबार किए गए चीनी वायदा इस साल 17 प्रतिशत गिर गए क्योंकि बम्पर फसलों का मतलब अतिरिक्त आपूर्ति का एक और वर्ष था। लंदन में परिष्कृत चीनी 13 प्रतिशत गिर गई। आईसीई फ्यूचर्स यूरोप पर दिसंबर वायदा 328.20 डॉलर प्रति टन पर समाप्त हो गया।
भारत के मिलर्स ने इस सीजन के शुरू में कहा था कि, पिछले साल के कुल निर्यात के मुकाबले इस साल सीजन में 835,000 टन चीनी निर्यात करने के सौदे हुए थे। चीनी के प्रमुख व्यापारी और ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रफुल विठलानी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था। इस मौसम में शिपमेंट 5 मिलियन टन तक चढ़ सकते हैं।