नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 2021-22 सीजन के दौरान, 518 चीनी मिलों ने अपना पेराई संचालन शुरू किया। पिछले साल संचालित 505 मिलों की तुलना में इस साल 13 ज्यादा मिलों का संचालन हुआ। 31 मार्च 2022 तक 309.87 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि पिछले साल 31 मार्च 2021 तक 278.71 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। इस सीजन में अब तक 31.16 लाख टन अधिक चीनी उत्पादन किया गया है। 31 मार्च 2022 तक देश में 152 मिलों ने पेराई बंद कर दी है और 366 चीनी मिलें अभी भी पेराई कर रही हैं। उसकी तुलना में, 284 मिलों ने पिछले साल 31 मार्च 2021 को परिचालन बंद कर दिया था और तब 221 मिलें चल रही थीं।
महाराष्ट्र में रिकार्ड 1143 लाख टन गन्ने की पेराई
महाराष्ट्र में 31 मार्च 2022 तक 118.81 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 100.47 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। वर्तमान 2021-22 सीजन में 30 मिलों ने राज्य में अपने पेराई कार्यों को बंद कर दिया है, उनमें से अधिकांश कोल्हापुर और कुछ सोलापुर क्षेत्र में हैं, और शेष 167 चीनी मिलें अभी भी चल रही हैं। मिलों ने अब तक लगभग 1143 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जो कि राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक पेराई है। 2020-21 सीजन में लगभग 1014 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी। पिछले सीजन में इसी तारीख को 114 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया था, जबकि 76 मिलें चालू थीं।
उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र से पीछे
यूपी में 120 चीनी मिलों ने 31 मार्च 2022 तक 87.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। 120 चीनी मिलों में से 32 चीनी मिलों ने पेराई कार्य बंद कर दिया है, उनमें से अधिकांश पूर्वी यूपी में स्थित हैं। पिछले वर्ष राज्य में इतनी ही संख्या में मिलें संचालित हुई थीं और 31 मार्च 2021 तक 93.71 लाख टन का उत्पादन किया था। 39 मिलों ने पिछले साल इसी तारीख को अपना पेराई कार्य बंद कर दिया था।
कर्नाटक में अब तक का सबसे अधिक चीनी उत्पादन
कर्नाटक में 31 मार्च, 2022 तक 72 चीनी मिलों ने 57.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। महाराष्ट्र की तरह ही कर्नाटक में अब तक का सबसे अधिक चीनी उत्पादन है। राज्य में 72 चीनी मिलों में से 51 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है और 21 मिलें अभी भी चल रही हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 66 चीनी मिलों ने 42.38 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। पिछले साल 31 मार्च 2021 तक 66 चीनी मिलों में से, 65 ने अपना परिचालन समाप्त कर दिया था और केवल 1 मिल चालू थी।
गुजरात में 10 लाख टन चीनी का उत्पादन
गुजरात में, वर्तमान में 15 मिलें चालू हैं और 31 मार्च, 2022 तक 10 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल, समान संख्या में चीनी मिलें संचालित हुई थीं, जबकि 5 मिलों ने इसी तारीख को अपना परिचालन बंद कर दिया था और 31 मार्च, 2021 तक 9.15 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
तमिलनाडु समेत अन्य शेष राज्यों मे 36 लाख टन चीनी उत्पादन
तमिलनाडु के मामले में, 28 चीनी मिलों ने 2021-22 सीजन में अपना पेराई कार्य शुरू किया और 6.87 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि 2020-21 में 26 चीनी मिलों द्वारा 5.08 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। शेष राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा ने 31 मार्च, 2022 तक सामूहिक रूप से 29.04 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। उपरोक्त राज्यों में से, बिहार और राजस्थान ने अपने पेराई कार्यों को पहले ही बंद कर दिया है। आंध्र प्रदेश में 2 मिलें, तेलंगाना में 6 मिलें, पंजाब में 9 मिलें, उत्तराखंड में 1 मिल, मध्य प्रदेश में 9 मिलें, छत्तीसगढ़ में 1 मिल और ओडिशा में 1 मिल ने चालू सीजन में अपने पेराई कार्यों को समाप्त कर दिया है।
27 मार्च 2022 तक 131.69 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति
एथेनॉल के मोर्चे पर, 416.33 करोड़ लीटर की कुल एलओआई मात्रा के मुकाबले, 27 मार्च 2022 तक 131.69 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की गई है। ओएमसी द्वारा जारी किए गए लगभग 416 करोड़ लीटर के एलओआई के मुकाबले आज तक अनुबंधित मात्रा 402.66 करोड़ है। देश ने दिसंबर, 2021 से मार्च के अंत तक औसतन 9.60% का सम्मिश्रण प्रतिशत हासिल किया है।
अब तक 72 लाख टन से अधिक चीनी निर्यात का अनुबंध
रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 72 लाख टन से अधिक चीनी निर्यात का अनुबंध किया जा चुका है। उसमें से, मार्च, 2022 के अंत तक भौतिक निर्यात लगभग 56-57 लाख टन होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार घरानों के समाचारों से संकेत मिलता है कि वैश्विक बाजार चालू सत्र में भारत से 85 लाख टन चीनी निर्यात की उम्मीद कर रहा है।