भारत की चीनी निर्यात सब्सिडी में ऑस्ट्रेलिया बन रहा रोड़ा!

नई दिल्‍ली : चीनी मंडी

केंद्र सरकारद्वारा चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अभी सिर्फ निर्यात सब्सिडी देने पर विचार परामर्श शुरू है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया अभी से भारत की चीनी ‘निर्यात सब्सिडी’ निति का खुलकर विरोध कर रहा है । ऑस्ट्रेलिया ने चीनी निर्यात सब्सिडी के खिलाफ भारत की विश्‍व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से शिकायत करने की धमकी दी है ।ऑस्ट्रेलिया के इस रवैय्ये से भारत को चीनी निर्यात में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है ।

विश्व में केवल भारत, पाकिस्तान द्वारा चीनी निर्यात सब्सिडी…

ऑस्ट्रेलिया व्यापार मंत्री साइमन बर्मिंगहम ने ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त अजय गोंडाने को चिठ्ठी लिखकर भारत की चीनी निर्यात सब्सिडी के मुद्दे को उठाया है। बर्मिंगहम ने कहा, “हम अन्य देशों को बताने में संकोच नहीं करेंगे, जब हम मानते हैं कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघटना द्वारा स्थापित नियमों का उल्लंघन करने का काम कर रहा हैं। भारत और पाकिस्तान में मुहैया कराये जानेवाली चीनी निर्यात सब्सिडी दुनिया के अन्य देशों के चीनी उत्पादकों को स्पष्ट रूप से चोट पहुंचा रही है और जिसे समाप्त किया जाना चाहिए। पिछले दो सालों में वैश्विक चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आई है, भारत की चीनी निर्यात निति के कारण ऑस्ट्रेलिया की चीनी निर्यात १४ हजार करोड़ ($ 2 बिलियन डॉलर) से फिसलकर 9800 करोड़ ($ 1.4 बिलियन डॉलर) हो गई है, इसका ऑस्ट्रेलिया के 4100 गन्ना किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ऑस्ट्रेलिया की विश्‍व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से शिकायत करने की धमकी…

ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील के चीनी उद्योग लॉबी ने भारत के चीनी निर्यात पर सब्सिडी लागू करने के प्रयासों के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी सरकारों के समर्थन के साथ मिलकर काम शुरू किया है । गन्‍ने की बड़ी फसल पैदावार के कारण, भारत स्थानीय बाजार के साथ साथ अतिरिक्‍त चीनी की खपत के लिए पूरक तरीकों की तलाश में है। कई विश्लेषकों का मानना है कि, इसी तरह की पैदावार आने वाले वर्ष में होने की संभावना है और भारत एकमात्र ऐसा देश है जो वैश्विक स्तर पर किसानों के लिए निर्यात सब्सिडी देकर चीनी की वृद्धि और कीमत पर रोक लगाने की कोशीश करता है। साइमन बर्मिंगहम ने भारत के व्यापार मंत्री सुरेश प्रभू को भी चिठ्ठी लिखकर चीनी पर निर्यात सब्सिडी खत्म करने की अपील की है, अगर भारत ऐसा नही करता तो विश्‍व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से शिकायत करने की धमकी दी है।

SOURCEChiniMandi

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