नई दिल्ली: पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 15 दिसंबर तक भारत में 35 प्रतिशत कम चीनी का उत्पादन हुआ है। उद्योग संगठन ISMA के मुताबिक, 2019-20 चीनी सीज़न में 15 दिसंबर तक कुल 45.81 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में देश की चीनी मिलों ने 70.54 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। 15 दिसंबर तक 2019-20 सीजन में 406 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई रही थी जबकि पिछले साल समान अवधि में देशभर में 473 मिलें चल रही थीं।
इस साल 15 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश की 119 मिलों ने 21.25 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो पिछले साल की तुलना में 2.31 लाख टन अधिक है। पिछले साल 116 चीनी मिलों ने समान अवधि में 18.94 लाख टन का उत्पादन किया था। यहां के चीनी मिलों में एक सप्ताह पहले पेराई का काम शुरू होने के कारण राज्य में इस बार अधिक चीनी का उत्पादन हुआ।
इस सीज़न में महाराष्ट्र में 15 दिसंबर तक 124 चीनी मिलें चालू थी, जिनमें 15 दिसंबर तक 7.66 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले साल समान अवधि में 178 चीनी मिलें चालू थीं जिनमें 29 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। चीनी के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में इस सीज़न में 63 चीनी मिलें चालू हैं, जिन्होंने 15 दिसंबर तक 10.62 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो 2018-19 सीजन की समान अवधि की तुलना में करीब 3.32 लाख टन कम है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन होने का कारण इन राज्यों की मिलों का क्रमशः एक महीने और एक सप्ताह देरी से शुरू होना है। इसके अलावा, यहां की मिलों में ताज़ा गन्ने के साथ-साथ बाढ़ से क्षतिग्रस्त गन्ने की पेराई करना इसका प्रमुख कारण है तथा कुछ अन्य जलवायु संबंधी कारण भी हैं।
गुजरात की बात करें तो, इस सीज़न में यहां 15 चीनी मिलें चालू हैं जिनमें 15 दिसंबर तक मात्र 1.52 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हो पाया. जबकि पिछले साल समान अवधि में यहां 16 चीनी मिलें चालू थीं जिनमें 3.10 लाख चीनी उत्पादन हुआ था। वहीं, बिहार में 9 चीनी मिलें चल रही हैं, जिनमें 1.35 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में क्रमशः 16, 13 और 19 चीनी मिलें चल रही हैं और उन्होंने क्रमशः 0.75 लाख टन, 0.65 लाख टन और 0.35 लाख टन का उत्पादन किया है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की 14 चीनी मिलों ने 15 दिसंबर तक लगभग 0.30 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि इन दोनों तेलुगूभाषी राज्यों में पिछले साल समान अवधि में 18 चीनी मिलें चालू थीं, जिनमें 1.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। तमिलनाडु में 6 चीनी मिलें चालू हैं जिन्होंने बीते 15 दिसंबर तक लगभग 0.73 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि गत वर्ष समान अवधि में 16 चीनी मिलों ने 0.87 लाख टन चीनी उत्पादन किया था।
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