इंडोनेशिया: चीनी समेत एथेनॉल की आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए चीनी उत्पादन 300 प्रतिशत बढ़ाने की जरूरत

इंडोनेशिया को अपनी बायोएथेनॉल महत्वाकांक्षा को पूरा करने सहित आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2030 तक अपने चीनी उत्पादन को मौजूदा मात्रा से लगभग 300 प्रतिशत बढ़ाने की जरूरत है।

इसे साकार करने के लिए, राज्य के स्वामित्व वाली बागान होल्डिंग पीटीपीएन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इंडोनेशिया को 2030 तक 9.7 मिलियन टन चीनी उत्पादन तक पहुंचने की आवश्यकता होगी। यह पिछले वर्ष के उत्पादन से उल्लेखनीय वृद्धि है, जिसका अनुमान लगभग 2.5 मिलियन टन है। इस मात्रा का उत्पादन करने के लिए गन्ने के बागानों के लिए 1.18 मिलियन हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जबकि इंडोनेशिया में वर्तमान में केवल 489,000 हेक्टेयर भूमि है। कृषि मंत्रालय के मौसमी फसल निदेशक एम. रिज़ल इस्माइल ने कहा कि, इंडोनेशिया को 2030 के लक्ष्य को साकार करने के लिए कम से कम 13 बिलियन गन्ना बीज की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि, देश को चीनी मिलों की संख्या में भी बड़े पैमाने पर वृद्धि करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में केवल 58 चीनी मिलें हैं, जो जावा, सुलावेसी और सुमात्रा में फैले हुए हैं। फिलहाल, मंत्रालय ने देश भर में 10 नए कारखाने बनाने का लक्ष्य रखा है।उम्मीद है कि इससे चीनी उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है।

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