गन्ने की खेती में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिये फार्म मशीनरी बैंक के अन्तर्गत उपयोगी कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश

प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना खेती को उद्यमिता से जोड़ने तथा युवाओं को मिट्टी से जुड़ाव हेतु प्रोत्साहित करने तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया गया है। इसी क्रम में आज प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, विभाग, उत्तर प्रदेश श्रीमती वीना कुमारी ने प्रदेश के 45 गन्ना उत्पादक जिलों के विभिन्न प्रगतिशील गन्ना किसानों, राज्य गन्ना प्रतियोगिता एवं उत्कृष्ट कार्य योजना के विजेताओं, युवा पुरूष एवं महिला किसानों से वर्चुअल संवाद स्थापित करते हुए गन्ने की खेती में आने वाली लागत तथा आमदनी बढ़ाने, गन्ने की खेती में तकनीक के प्रयोग, प्रजातीय संतुलन, प्राकृतिक खेती, गन्ने से तैयार होने वाले उपोत्पादों के निर्यात, छोटे गन्ना किसानों को खेती हेतु उपयोगी यंत्रों की उपलब्धता तथा सहफसली खेती आदि विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

प्रमुख सचिव ने संवाद कार्यक्रम में प्रगतिशील गन्ना कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि से ही प्रदेश का विकास संभव है। इस हेतु जरूरी है कि प्रदेश के प्रगतिशील किसान अन्य किसान भाईयों को भी गन्ने की उत्कृष्ट खेती के लिये जरूरी जानकारी देते हुए प्रेरित करें। उन्होंने किसानों को अवगत कराया कि सरकार किसानों के हित के लिये विभिन्न योजनायें चला रही है। इन योजनाओं का लाभ लेकर किसान गन्ने की खेती के साथ सहफसली के माध्यम से तैयार होने वाले अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कृषकों से प्रति एकड गन्ने की खेती पर आने वाली लागत एवं लाभ के विषय में भी गहन मंथन किया। प्रगतिशील किसानों से उन्होंने अपील भी की वह दूसरें किसानों के लिये प्रेरणा स्रोत बन प्रदेश के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका निभायें।

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां और किसान ही भविष्य निर्माण के सूत्रधार होंगे इसलिये मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसाईटी के अन्तर्गत बीज उत्पादन, आर्गे्रनिक्स और निर्यात के लिये राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत समितियों की सदस्यता हेतु प्रत्येक गन्ना एवं चीनी मिल समिति को सदस्यता दिलाई जाये ताकि प्रदेश के सदस्य गन्ना किसानों को उनका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। गन्ना विकास विभाग कृषकों के सर्वांगीण विकास के लिये विभागीय योजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि गन्ने की खेती करने वाले युवा एवं महिला किसानों को प्रगतिशील किसानों के खेतों का भ्रमण करायें तथा किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर खेती में आने वाली कठिनाई को दूर करने के लिये हर सम्भव सहायता एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर गन्ने की खेती को एक सफल उद्यम के रूप में स्थापित करें।

संवाद कार्यक्रम में प्रदेश के सभी गन्ना परिक्षेत्रों से ऑनलाईन जुड़े किसानों ने अपने विचार एवं सुझाव व्यक्त करते हुए बताया कि गन्ना किसानों द्वारा गन्ने की खेती को आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया जा रहा है। उनके लिये गन्ने की खेती लाभकारी सिद्ध हो रही है। नवोन्मेषी तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा मिल रहा है, एवं अच्छे उत्पादन के फलस्वरूप कृषकों की आय बढ़ने से उनका पूरा परिवार आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उन्नति कर गरिमामय जीवनयापन कर रहा है।

संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रश्न प्रहर सत्र में सहारनपुर के किसानों द्वारा बन्द पड़ी चीनी मिल बिडवी को चलाने पर सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया गया कि अब एक फोन पर गन्ना किसानों के कार्य पूरे हो रहे हैं, वहीं मेरठ परिक्षेत्र के किसानों ने गन्ने की खेती को फायदे का सौदा बताते हुए कहा कि खेती वर्तमान युग में रोजगार का बड़ा माध्यम बन गई है। स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अन्तर्गत एस.एम.एस. गन्ना पर्ची के कारण गन्ना माफियाओं को उन्मूलन हुआ है।
मुरादाबाद परिक्षेत्र से जुड़े किसानों ने कहा कि समितियों का डिजिटलीकरण एवं नवीनीकरण होने का किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने प्रमुख सचिव को गन्ने की खेती में लेबर तथा छोटे टै्रक्टरों की उपलब्धता की कठिनाईयों से अवगत कराया। मुरादाबाद परिक्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव को गन्ने के साथ सहफसली के रूप में डै्रगन फू्रट की खेती को आय का अच्छा स्रोत्र बताया। बरेली परिक्षेत्र के किसानों ने रिंगपिट विधि से कृषि हेतु रिंगपिट डिगर आदि यंत्रों की उपलब्धता फार्म मशीनरी के अन्तर्गत कराने हेतु अनुरोध किया। पीलीभीत के किसानों द्वारा गन्ने के साथ सहफसली के रूप में अलसी, मटर, आलू, लाही आदि की खेती एवं आय से जुडे अनुभव साझा किये।

महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों ने भी प्रमुख सचिव को बताया कि वह कोरोना संक्रमण काल से अब तक गन्ना की पौध के विक्रय से होने वाली आय के कारण बड़ी सरलता से अपनी सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हुई हैं। लखनऊ परिक्षेत्र के किसानों द्वारा कहा गया कि सरकार के साथ-साथ किसानों का भी फर्ज है कि वह उपभोक्ताओं को सेहतमंद उत्पाद उपलब्ध करायें। उन्होंने गन्ने में लगने वाले लाल सड़न तथा अन्य फंगस रोगों से बचने के लिये अन्य किसानों को टिप्स प्रदान किये। अयोध्या परिक्षेत्र के किसानों ने ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई का अनुभव साझा करते हुए जल संचय की बात कही। देवीपाटन परिक्षेत्र के किसानों द्वारा संवाद कार्यक्रम में बताया गया कि किसान खरपतवार नाशी का प्रयोग न करें। गोरखपुर परिक्षेत्र के किसानों द्वारा जैविक खेती को कृषि का आधार बताया तथा गन्ने की खेती में फसल चक्र अपनाने की सलाह दी। देवरिया परिक्षेत्र के किसानों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गन्ना किसानों को विभाग में हुए डिजिटलीकरण का लाभ मिला है।

प्रदेश के विभिन्न परिक्षेत्रों से जुड़े गन्ना प्रतियोगिताओं के विजेताओं ने प्रमुख सचिव को राज्य गन्ना प्रतियोगिता एवं उत्कृष्ट कार्य योजना वर्ष 2022-23 की पुरस्कार राशि डी.बी.टी. के माध्यम से प्राप्त होने पर आभार व्यक्त किया।

संवाद कार्यक्रम के दौरान अपर गन्ना आयुक्त(प्रशासन) श्री प्रणय सिंह, प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ श्री रमाकान्त पाण्डेय भी उपस्थित रहे। अपर गन्ना आयुक्त(विकास) श्री वी.के. शुक्ल द्वारा गन्ना किसानों की गन्ना बीज संबंधी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। डा. वी.बी. सिंह, अपर गन्ना आयुक्त(समितियां) ने फार्म मशीनरी बैंकों में यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर अपनी बात रखी। संवाद कार्यक्रम संचालन अपर गन्ना आयुक्त(क्रय) श्री विश्वेश कनौजिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

गन्ने की खेती में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिये फार्म मशीनरी बैंक के अन्तर्गत उपयोगी कृषि यंत्रों विशेषकर छोटे टै्रक्टर एवं उनके यंत्र तथा रिंगपिट डिगर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रमुख सचिव ने दिये निर्देश।

 

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