मेरठ: गन्ना भुगतान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है, और भुगतान में देरी करनेवाली मिलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश सरकार की तरफ से दिए गये है। प्रदेश में आज भी कई सारी मिलों ने 2018-2019 के सीजन का भुगतान नही किया है, जिसमे निजी मिलों की संख्या सबसे ज्यादा है। किसान और किसान संघठन द्वारा बार बार आंदोलन करने के बावजूद कई मिलें भुगतान में विफल रही है।
दिवाली से पूर्व मवाना शुगर मिल 30 करोड़ रुपये व किनौनी शुगर मिल 40 करोड़ रुपये का भुगतान करने के निर्देश मेरठ के डीएम अनिल ढींगरा ने दिए है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि, अगर गन्ना किसानों की तरफ सरकार का रवैया नही बदला तो, भाकियू किसानों को उनकी 30 प्रतिशत भूमि पर गन्ना फसल को छोड़कर अन्य फसल लगाने के लिए प्रेरित करेगी। घटतौली की समस्याओं को कम करने के लिए चीनी मिल को एक धर्म कांटा आवंटित कराने का प्रयास किया जाएगा। मेरठ में अभी तक मवाना शुगर मिल ने 73 प्रतिशत, किनौनी ने 65, नंगलामल ने 88, सकौती ने 100 प्रतिशत, मोहिउद्दीनपुर ने 80 व दौराला ने 100 प्रतिशत भुगतान किया है। यह चीनी मिले 4 नवंबर से पेराई प्रारंभ कर देंगी। पेराई से पहले पिछले सीजन का बकाया भुगतान साफ़ करने के लिए सरकार मिलों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है।
चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.