लखनऊ, 04 जनवरी, 2020: गन्ना मूल्य का भुगतान एवं गन्ना किसानों की अन्य सभी समस्याओं का सम्पूर्ण समाधान कराने के मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के निर्णय एवं मा. गन्ना मंत्री, श्री सुरेष राणा के मार्गदर्शन में प्रदेष के गन्ना किसानों के नये सत्र के गन्ना मूल्य के साथ-साथ पूर्व वर्षों के बकाया गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान कराया जाना शासन की प्राथमिकता है।
आयुक्त, गन्ना एवं चीनी द्वारा बताया गया कि प्रदेश के इतिहास में प्रथम बार सभी गन्ना परिक्षेत्रों में पूरी तन्मयता के साथ गन्ना समितियों में गन्ना किसानों के लम्बित पड़े अनपेड गन्ना मूल्य का कृषकवार विवरण तैयार करने एवं उसे उनके खातों में भेजने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत विभागीय अधिकारियों द्वारा सघन अभियान चलाकर पष्चिमी उत्तर प्रदेष के 04 परिक्षेत्रों, जिनमें सहारनपुर में 14,448 कृषकों को रू.31.06 करोड़, मेरठ में 15,529 कृषकों को रू.20.04 करोड़, मुरादाबाद में 9,469 कृषकों को रू.13.59 करोड़, बरेली में 15,724 कृषकों को रू.11.15 करोड़ का अनपेड गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। मध्य क्षेत्र के लखनऊ परिक्षेत्र में 16,735 कृषकों को रू.27.18 करोड़ वही पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार परिक्षेत्रों जिनमें अयोध्या में 5,212 कृषकों को रू.3.84 करोड़, देवीपाटन में 8,352 कृषकों को रू.8.69 करोड़, गोरखपुर में 556 कृषकों को रू.0.18 करोड़, तथा देवरिया परिक्षेत्र में 93 कृषकों को रू.0.12 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक प्रदेश के कुल 86,118 गन्ना कृषकों को रू.115.83 करोड़ अनपेड गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिष्चित कराया जा चुका है।
अनपेड गन्ना मूल्य की यह धनराषि विगत कई वर्षों से गन्ना समितियों/चीनी मिलों में पड़ी होने के कारण गन्ना किसान इसे भूल चुके थे तथा इन्हें याद भी नहीं था कि हमारे अथवा हमारे परिवारीजनों की कोई गन्ना मूल्य भी धनराषि समिति या चीनी मिल के स्तर पर बकाया है तथा उन्हें गन्ना विभाग खुद ही प्रचार-प्रसार कर इस बकाया पैसे को उपलब्ध करायेगा। गन्ना विभाग की सक्रियता के कारण भूला-बिसरा पैसा मिलने से किसानों का विष्वास गन्ना समितियों के प्रति और प्रगाढ़ हुआ।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.