भगवानपुर: इकबालपुर चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों को एक बार फिर भुगतान में धोखा देने के लिए पटकार लगाई है। जिले के मजिस्ट्रेट ने मिल को सात दिन के अंदर कागजी कार्रवाई करके किसानों के 72 करोड़ रुपए देने को कहा है।
डीएम दीपेंद्र चौधरी ने कहा कि इकबालपुर चीनी मिल ने किसानों के 72 करोड़ के बकाये को पूरा करने के लिए ऋण लिया था लेकिन कागजी कार्रवाई में कोताही के कारण मिल के खाते में ऋण के पैसे नहीं पहुंचे। इससे किसानों में काफी रोष है।
गौरतलब है कि किसानों के बकाये के भुगतान के लिए गत 12 सितंबर को देहरादून में सीएम आवास पर बैठक हुई थी। इस बैठक में किसानों के बकाया भुगतान के लिए मिल प्रबंधन को 72 करोड़ रुपये का लोन देना तय हुआ था। इस लोन में से 36 करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक और बाकी राज्य सहकारी बैंक को देनी थी।
इस पूरे मामले पर जब श्री चौधरी ने बात की तो पता चला कि अभी तक मिल प्रबंधन के खाते में रकम नहीं पहुंची है। सफाई में बैंक अधिकारियों ने मिल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उन्होंने कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की है। इसपर डीएम नाराज हो गये और चीनी मिल प्रबंधन के अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने चीनी मिल और बैंक अधिकारियों के बीच सामंजस्य नहीं होने पर नाराजगी भी जताई।
चीनी मिल क्षेत्र के गन्ना किसान बौखलाए हुए है, क्यूंकि उन्हें अब तक मिल द्वारा गन्ना बकाया भुगतान नहीं चुकाया गया है। मिल की इतनी हालत ख़राब है की उनकी नीलामी की चीनी भी नहीं बिक रही है। चीनी मिल की ओर से दो साल से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया है। बकाया को लेकर किसानों ने कई बार आंदोलन किया, फिर भी उन्हें भुगतान करने में चीनी मिल प्रशासन विफ़ल रहा है। आख़िरकार किसानों का भुगतान करने के लिए मिल की चीनी बेचने का फैसला लिया गया, लेकिन बार बार अड़चनों के वजह से चीनी बेचने में नाकयाबी ही हाथ लगी।
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