गोंडा : जिले में शाकभाजी और गन्ने की फसलों के लिए सिंचाई व्यवस्था में सुधार करने की योजना बनाई गई है।यह सिंचाई व्यवस्था गुजरात मॉडल की तर्ज पर होगी। गन्ना की फसलों के लिए ड्रिप सिंचाई व्यवस्था अपनाने के लिए किसानों को सुझाव दिया गया है। इसके बाद गन्ना, सरसों व शाक भाजी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। गुजरात के ड्राॅप मोर क्रॉप-माइक्रो इरीगेशन के तहत गन्ना के फसलों को ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाया जा रहा है। जिले में अलग-अलग फसलों के लिए कुल 1516 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों को सरकार की ओर से 80 से 90 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान किया गया है। किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा। माइक्रोइरीगेशन पद्धति के पारदर्शी एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गुजरात ग्रीन रिवॉल्यूशन कंपनी से तकनीकी मदद लेकर प्रदेश में गन्ने के लिए सिंचाई व्यवस्था लागू की जानी है। गन्ना की फसल के लिए 640 हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 6.38 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों का कहना है कि आधुनिक पद्धति से फसलों की न सिर्फ पैदावार बढ़ेगी बल्कि जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी।