इरशालवाड़ी भूस्खलन हादसा: 103 को मलबे से बचाया गया, 12 की मौत

मुंबई / रायगढ़ : रायगढ़ के खालापुर तालुका के इरशालवाड़ी गांव में बुधवार रात भूस्खलन हुआ, और इस गांव के 25 से 35 घर मिट्टी और पत्थरों के ढेर के नीचे दब गए।बचाव दल और पुलिस ने शुरू में अनुमान लगाया कि, गांव के 100 से 150 लोग मलबे में फंसे हुए है।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि, बचाव दल मिट्टी के ढेर के नीचे से 103 लोगों को बाहर निकालने में सफल रहे है, और अभी भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।उन्होंने यह भी कहा कि बचाव कार्य जारी रहेगा।

इस घटना को 17 घंटे बीत चुके है।आधी रात से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बचाव दल को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि खालापुर इलाके में अभी भी भारी बारिश जारी है। एनडीआरएफ बचाव दल के साथ-साथ पनवेल नगर निगम बचाव दल, सिडको मजदूर और स्थानीय ट्रेकर्स का एक समूह भी इरशालवाड़ी में राहत कार्य कर रहा है।साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्योग मंत्री उदय सामंत, गिरीश महाजन, दादा भुसे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, अदिति तटकरे भी आज (20 जुलाई) सुबह इरशालवाड़ी पहुंचे है।

इस बीच कुछ देर पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बात की।इस मौके पर उन्होंने बचाव दलों द्वारा अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, प्रशासन बचाव अभियान के दौरान अब तक 103 लोगों की पहचान करने में सफल रहा है और इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।घायलों का पनवेल के एमजीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है। मलबे में फंसे लोगों की तलाश जारी है।साथ ही इस गांव के जो लोग काम के लिए बाहर गए थे, उनकी भी तलाश की जा रही है।धान कटाई जैसे काम के लिए बाहर गए लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।साथ ही आश्रम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।मैं अब तक कई रिश्तेदारों से मिल चुका हूं।मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि, सरकार उनके पीछे है।इस हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों को सरकार की ओर से 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

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