देश भर के चीनी मिलों में कम मांग और अतिरिक्त आपूर्ति के कारण चीनी के एक्स-मिल कीमतों में गिरावट आई है। इसकी वजह से चीनी मिलों को गन्ना बकाया का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नकदी प्रवाह उत्पन्न करना मुश्किल हो गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से दिसंबर 2020 के लिए आवंटित चीनी बिक्री कोटे की अवधि का विस्तार करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, ISMA द्वारा जनवरी 2021 के लिए चीनी कोटा कम आवंटन करने के लिए भी अनुरोध किया गया है।
बाजार के सूत्रों के अनुसार, मिलों को न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) से कम पर अपने चीनी स्टॉक को बेचने के लिए पहले ही विवश होना पडा है और उत्तर प्रदेश राज्य भी चीनी को MSP के नीचे बेचने के कगार पर है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो चीनी मिलों के लिए कठिन परिस्थिति उत्पन हो सकती है और विशेष रूप से तब जब ज्यादा चीनी उत्पादन का अनुमान है और पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन कम चीनी निर्यात सब्सिडी की घोसणा की गई है।
फिलहाल देश भर में प्रचलित मूल्य इस प्रकार हैं:
महाराष्ट्र: रीसेल मार्केट में 2019-2020 के S/30 का व्यापार 3000 रुपये से 3030 रुपये रहा और 2020-21 के S/30 का व्यापार 3010 से 3050 रूपये रहा.
दक्षिण कर्नाटक: S/30 चीनी का व्यापार3215 रूपये रहा और M/30 का भाव 3120 से 3175 रूपये रहा.
उत्तर प्रदेश: M/30 चीनी का व्यापार 3230 रुपये रहा.
गुजरात: S/30 चीनी का व्यापार 3101 प्रति कुंतल रहा और M/30 का व्यापार 3111 रुपये प्रति कुंतल रहा.
तमिलनाडु: S/30 चीनी का व्यापार 3225 रुपये से 3275 रुपये रहा और M/30 का व्यापार 3275 से 3325 रुपये रहा.
(यह सभी दरें GST छोड़कर है)