नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (ISMA) ने शुक्रवार को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस और सिरप के उपयोग को प्रतिबंधित करने के निर्देश के मद्देनजर बी और सी हैवी मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल के मूल्य में प्रतिपूरक वृद्धि का सुझाव दिया है। ISMA ने एक बयान में कहा है कि, उपभोक्ताओं की (चीनी) जरूरतों को संतुलित करने की सरकार की मंशा को स्वीकार करते हुए, ISMA ने सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट उपायों का प्रस्ताव दिया है।
ISMA ने सरकार से अपील की कि, शेष अनुबंधित/रद्द किए गए जूस की मात्रा को बी-हैवी मोलासेस में बदलने की अनुमति दी जाए, डिस्टिलरीज को 10 दिसंबर तक मौजूदा जूस स्टॉक को एथेनॉल में संसाधित करने की अनुमति दी जाए, उत्पादित एथेनॉल को 20 दिसंबर तक OMCs को आपूर्ति और एथेनॉल के मूल्य निर्धारण में प्रतिपूरक वृद्धि की जाए।
ISMA ने कहा की, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस और सिरप के उपयोग के प्रतिबंध के निर्देश के परिणामस्वरूप चीनी मिलों की पेराई क्षमता में कमी आ सकती है, जिससे पेराई सत्र में देरी हो सकती है। चीनी मिलों और गन्ना किसानों को नुकसान हो सकता है और इसलिए, सुझाए गए उपायों को लागू किया जाना चाहिए।