नई दिल्ली : बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश राज्यों में चीनी की एक्स-मिल कीमतें दबाव में हैं और गिरावट का रुख दिखा रही हैं। तमिलनाडु में औसत मूल्य 3200 – 3225 रुपये प्रति क्विंटल रुपये के बीच मँडरा रहे है, जबकि उत्तरी राज्यों में एक्स-मिल की कीमतें 3160 – 3180 रुपये प्रति क्विंटल रुपये की सीमा में हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक्स-मिल की कीमतें चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) पर निर्भर हैं। वर्तमान कीमतें लगभग 80 – 100 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी से कम है। चीनी की कम किमतें मिलों को लिए अच्छा संकेत नहीं है, क्योंकि पिछले कई महीनों से चीनी की उत्पादन लागत बढ गई है। मिलों की तरलता और गन्ना किसानों को एफआरपी का भुगतान करने की उनकी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यह आशंका है कि यदि ऐसी स्थिति बनी रहती है तो गन्ने की बकाया राशि बहुत तेजी से उच्चस्तर तक पहुंच जाएगी।
इंडियन शुगर मिलर्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार, इस समस्या का एक समाधान सरकार द्वारा चीनी के एमएसपी में बढोतरी करना है, जो 2 साल पहले संशोधित किया गया था। चूंकि सरकार ने पहले ही गन्ने का एफआरपी चालू वर्ष के लिए 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है। 2020-21 सीजन के लिए गन्ने की बढ़ी हुई एफआरपी पर विचार करने के बाद, चीनी की एमएसपी को बढ़ाकर 3450 रूपये प्रति क्विंटल करना चाहिए। चीनी का एमएसपी बढ़ाने के बारे में जल्द निर्णय लेने की जरूरत है, ताकि चीनी मिलें किसानों को समय पर भुगतान करने में सक्षम हो सके।