नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को 2024-25 चीनी सीजन के लिए गन्ने का एफआरपी बढ़ाकर मौजूदा 315/- प्रति क्विंटल से 340/- प्रति क्विंटल किया। इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि अगले सीजन के लिए गन्ना एफआरपी बढ़ाने के फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवार के सदस्यों को बेहतर मुनाफा कमाने में मदद मिलेगी।
ISMA के अध्यक्ष श्री मंडावा प्रभाकर राव ने कहा कि, इस FRP वृद्धि से किसानों को गन्ना उगाने के लिए बढ़ते खर्च को पूरा करने में मदद मिलेगी और गन्ने को चावल, मक्का आदि जैसी अन्य फसलों के मुकाबले अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस फैसले से चीनी उद्योग के माध्यम से गन्ना किसानों को 10,000 करोड़ से अधिक का भुगतान होगा।
उन्होंने कहा, चीनी उत्पादन को संतुलित करने और मांग-आपूर्ति संतुलन के माध्यम से चीनी की कीमतों को बनाए रखने के लिए नीतिगत सुधारों ने उद्योग को पिछले कुछ वर्षों में 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसान परिवारों को समय पर एफआरपी का भुगतान करने में सक्षम बनाया है। श्री मंडावा प्रभाकर राव ने कहा कि, एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) को पर्यावरणीय स्थिरता और ग्रामीण भारत पर इसके आर्थिक प्रभाव के मामले में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है।ISMA चीनी के एमएसपी (न्यूनतम बिक्री मूल्य) में वृद्धि के माध्यम से इस तरह के सक्रिय नीति समर्थन को जारी रखने का अनुरोध करता है।
राव ने कहा, सीएसीपी चीनी के एमएसपी की भी सिफारिश कर सकता है जो उद्योग के अनुमान के अनुसार 340 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना एफआरपी के आधार पर लगभग 3,900 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह, एथेनॉल की कीमतों को भी उच्च एफआरपी और बढ़ी हुई लागत के आधार पर संशोधित किया जाए ताकि इसे चीनी उद्योग के लिए व्यवहार्य बनाया जा सके।