नई दिल्ली, 29 अगस्त, केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात के लिए सब्सिडी देने के निर्णय का इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने स्वागत किया है। इस्मा के निदेशक संजय बनर्जी ने सरकार के इस फ़ैसले पर मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का ये समय पर लिया गया सराहनीय निर्णय है। बेशक इससे सरकार पर छ हज़ार करोड़ रुपये का भार आयेगा लेकिन गन्ना क़िसानो और चीनी मिलों दोनों के लिए ये सकुनदायी है। बनर्जी ने कहा कि इससे एक और जहाँ चीनी के सरप्लस स्टॉक को निकालने में मदद मिलेगी वहीं सब्सिडी की राशि सहित 18 हज़ार करोड़ रुपयों का अतिरिक्त फ्लो भी हो जाएगा। बनर्जी ने कहा कि सरकार के इस फ़ैसले से चीनी मिलों को ब्याज दर घटाने में मदद मिलेगी वहीं मिलों द्वारा गन्ना किसानों को समय पर गन्ना का पैसा दिया जा सकेगा। उन्होंने से कहा कि वैश्विक बाज़ार की स्थितियों के मद्येनजर सरकार द्वारा चीनी निर्यात नीति की घोषणा और निर्यात सब्सिडी के निर्णय से देश के किसानों और चीनी उद्यमियों को फ़ायदा होगा।
गौरतलब है कि भारत सरकार देश के किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान देकर उनके वित्तीय समावेशन के लिए नीतिगत निर्णय ले रही है। इसी क्रम में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए कैबिनेट ने किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात के लिए सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने चीनी सीजन 2019-20 के लिए चीनी मिलों को निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है। इस निर्णय से सरकार पर 6268 करोड़ रुपयों का ख़र्च आएगा। वहीं किसानों को भी इससे लाभ होगा। सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी और बाद में शेष राशि, यदि कोई हो, मिल के खाते में जमा की जाएगी।
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